खास बातें:-
👉 हवाला के जरिए हो रहा धंधा
👉 सरायकेला के मामले से हुआ खुलासा
👉 सीबीआई या एन आई ए जांच की सिफारिश
रांची: झारखंड में साइबर अपराधियों के विदेशी कनेक्शन सामने आने के बाद पुलिस मुख्यालय हलकान में है साइबर अपराध से जुड़े लोग ऑनलाइन ठगी करते थे, शॉपिंग करते थे, अब एक नया मामला सामने आया है. जिसके जरिए इसके तार पाकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात से जुड़े हुए हैं.
सरायकेला के एक मामले में पुलिस को कुछ ऐसे सबूत हाथ लगे हैं, जो चौंकाने वाले हैं. झारखंड पुलिस सरायकेला थाना कांड संख्या 39/2020 का अनुसंधान अब सीबीआई या एन आई एस ए कराना चाहती है.
डीजीपी एमवी राव ने इस संबंध में गृह सचिव से सिफारिश की है. डीजीपी की अनुमति के बाद मानवाधिकार के आईजी ने लिखा है कि यह गिरोह 7 से 8 साल से काम कर रहा है, इसका संचालन विदेशी एजेंसी कर रही है. इसका उपयोग आतंकी गतिविधियों की फंडिंग के लिए किया जा सकता है, इसलिए पूरे मामले की जांच सीबीआई या एनआईए से कराई जाए सरायकेला में रतन लाल कुम्हार ने एक मामला दर्ज कराया. 3 मार्च 20 से 20 को यह मामला दर्ज हुआ था, जिसमें यह आरोप है कि एक नंबर से उसे फोन आया और ₹25 लाख की लॉटरी लगने की बात कही गई. ₹3लाख उसने ले लिए इस मामले में पुलिस ने पप्पू कुमार साहब और साहिल को गिरफ्तार किया.
अनुसंधान में साइबर अपराधियों द्वारा 800 बैंक खातों के उपयोग के संकेत मिले हैं. इन बैंक खातों से ₹12 करोड़ का लेनदेन हुआ है, इसका हैंडलर पाकिस्तान में है. सैंपल के तौर पर बैंक खातों और संबंधित व्यक्तियों की जांच की गई. बिहार और यूपी भी टीम भेजी गई.
जांच में यह भी मिला है कि झारखंड बिहार और यूपी के कुछ लोग संयुक्त अरब अमीरात में काम करने गए, वह घर जो पैसा भेजते हैं वह गिरोह के सदस्य ले लेते हैं, भारत में बैठे साइबर अपराधियों को संयुक्त अरब अमीरात से संकेत मिलने पर मजदूरों के खाते में पैसा जमा कर लिया जाता है.
गिरोह के सदस्य झारखंड बिहार यूपी और केरल में फैले हुए हैं. झारखंड में यह पाया जा रहा है कि साइबर अपराधी पाकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात में बैठे कुछ लोगों के संपर्क में हैं, उनके व्हाट्सएप ग्रुप से भी जुड़े हैं. गिरोह के सदस्य पाकिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात से फोन कॉल कर लॉटरी लगने कौन बनेगा करोड़पति एवं अन्य के नाम पर ठगी की जाती है.