पेरिस में होने वाली फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की बैठक से पहले पाकिस्तान ने दुनिया को दिखाने के लिए खूंखार आतंकियों की गिरफ़्तारी का नाटक किया हैं. गुरुवार को पाकिस्तान की प्रवर्तन एजेंसियां ने लश्कर-ए-तैय्यबा और जमात-उद-दावा के टॉप आतंकियों को टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है. साथ ही पाकिस्तान का कहना है कि वह लश्कर-ए-तैय्यबा और जमात-उद-दावा के आतंकियों के खिलाफ केस चलाएगी. गिरफ्तार आतंकियों की पहचान प्रोफेसर जफर इकबाल, याह्या अजीज, मुहम्मद अशरफ और अब्दुल सलम के रूप में हुई है.
FATF की बैठक फ्रांस की राजधानी पेरिस में 12 से 15 अक्टूबर के बीच चलेगी. एफएटीएफ ने टेरर फंडिंग और आतंकवाद के चलते पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल चुका है. अब एफएटीएफ पाकिस्तान को ब्लैक लिस्ट में डालने की प्लानिंग बना रहा है. इससे पाकिस्तान की बेचैनी बढ़ गई है. वह इससे बचने के लिए आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई का नाटक कर रहा है.
प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-तैय्यबा के टॉप आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है. इन आतंकियों को सीटीडी पंजाब ने नेशनल एक्शन प्लान (NAP) के तहत टेरर फंडिंग के आरोप में गिरफ्तार किया है. सीटीडी ने कहा कि लश्कर-ए-तैय्यबा और जमात-उद-दावा का सरगना और 2008 के मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद 17 जुलाई से ही लाहौर की कोट लखपत जेल में बंद है.