जावेद अख्तर
गोड्डा: गोड्डा जिला मुख्यालय के सुदूर क्षेत्रों में बसे गांव हनवारा थाना क्षेत्र के ग्राम-पंचायत परसा का एक मात्र अस्पताल हाथी का दांत साबित हो रहा है. वहां के ग्रामीण बाबर, औरंगजेब, जहांजेब, अभय कुमार, अब्दुल्लाह, अफजल, कामरान आदि ने बताया कि यह अस्पताल वर्ष 2010 में ही 3 करोड़ रुपये की लागत से बनाकर तैयार किया गया था. आज 9 साल गुजरने वाला है लेकिन अभी तक अस्पताल का उद्घाटन तक नहीं किया गया है. बिना उद्धघाटन के ही उपस्वास्थ्य केंद्र के ए०एन०एम० द्वारा छोटी मोटी बीमारियों की दवाई दी जाती है.
ऐसी स्थिति अस्पताल की कर दी गयी है कि सारा सामान तोड़ फोड़ दिया गया है. एक भी बल्ब, पंखा, खिड़की शीशा, तक नहीं है. अस्पताल में ऐसा कोई बाथ रूम, वार्ड रूम नहीं है जो कचड़ा से भरा हुआ नहीं है. लेकिन इसकी साफ सफाई करने वाला कोई नहीं है.
इस ग्रामीण क्षेत्रों में एक मात्र परसा गांव का अस्पताल हैं. जब बन रहा था तो हमलोग बहुत खुश थे. हमलोग को उम्मीद हो गई थी कि अब 20 किमी दूर ईलाज कराने नहीं जाना पड़ेगा. इमरजेंसी रोगी को तुरंत पहुंचाया जा सकेगा, लेकिन सारा सपना सिमटा हुआ रह गया और यहां से कई रोगी महागामा अस्पताल पहुंचने के क्रम में अपने परिवार को खो कर बैठे हुए हैं.
वहीं कुछ लोग कहते हैं कि अस्पताल है लेकिन डॉक्टर की कमी होने के कारण रोगी को सही सुविधा नहीं मिल पाती है, ठीक तरीके से इलाज नहीं होता है. जैसा ट्रीटमेंट होना चाहिए उस तरह से नहीं हो पाता है. डॉक्टर की होना अतिआवश्यक है. अस्पताल में सारी व्यवस्था नहीं रहने पर ही प्रसव उप स्वास्थ्य केन्द्र में ही ANM कराती हैं. यहां डॉक्टर का होना जरूरी है. जनरल बीमारी जैसे सर्दी, खांसी, बुखार आदि की दवा किसी तरह हमलोगों को दे देतें हैं. ग्रामीणों ने जल्द झारखण्ड सरकार से अस्पताल चालू कराने की मांग की है जिससे कि अगल बगल के गांवों में होने वाली रोग का इलाज सही से हो सके.