नई दिल्ली: आईपीएल (IPL) के 13वें सीजन का नया स्पांसर कौन होगा. इसकी तलाश शुरू कर दी गई है. चाइनिज स्मार्टफोन कंपनी वीवो के हट जाने के बाद बीसीसीआई नए स्पॉन्सर की तलाश में है. योग गुरु बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आईपीएल 2020 की स्पॉन्सरशिप के लिए बोली लगा सकती है. इकनॉमिक्स टाइम्स ने अपनी न्यूज रिपोर्ट में बताया है कि पतंजलि के स्पोक्सपर्सन एसके तिजारावाला ने कहा, ‘हम पतंजलि को ग्लोबल ब्रैंड बनाना चाहते हैं और इसी वजह से हम आईपीएल स्पॉन्सशिप के बारे में सोच रहे हैं.’
पतंजलि को होगा बड़ा फायदा
हालांकि बाजार के जानकारों का मानना है कि पतंजलि एक ग्लोबल ब्रैंड नहीं है. अगर वह आईपीएल का टाइटल स्पॉन्सर बनता है, उसे जरूर फायदा होगा लेकिन आईपीएल को इसका फायदा नहीं होगा. वीवो के जाने के बाद से आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सशिप में जीयो, एमेजॉन, टाटा ग्रुप, ड्रीम 11 और बायजू जैसी कंपनियां दिलचस्पी दिखा चुकी हैं.
बीसीसीआई आईपीएल-13 के नए प्रायोजक के लिए पूरी पारदर्शिता और प्रक्रिया का पालन करेगी. बीसीसीआई जल्द ही आईटीबी निकालने वाली है. स्पॉन्सर चुनने के लिए टेंडर प्रक्रिया का पालन किया जाएगा, क्योंकि बोर्ड पारदर्शिता चाहता है. इन्विटेशन बिड के तहत नीलामी जीतने वाले को यूएई में 19 सितंबर से 10 नवंबर के बीच यूएई में होने वाले आईपीएल के 13वें सीजन का प्रायोजक नियुक्त किया जाएगा.
वीवो से बीसीसीआई को मिलने थे 440 करोड़ भारत-चीन सीमा विवाद के बाद चीनी सामानों के बहिष्कार की उठती मांग के बीच वीवो ने पिछले हफ्ते बीसीसीआई के साथ करार खत्म करने का फैसला किया था. वीवो इंडिया ने 2017 में आईपीएल टाइटल प्रायोजन अधिकार 2199 करोड़ रुपये में हासिल किए थे. करार के मुताबिक कंपनी को हर सीजन में बीसीसीआई को करीब 440 करोड़ रुपये का भुगतान करना था.
कायास लगाए जा रहे हैं कि नए स्पॉन्सर शायद इतनी कीमत नहीं दे पाएंगे और बीसीसीआई को नुकसान होना तय हैं. हालांकि सौरव गांगुली लगता है कि इसका बहुत भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) अध्यक्ष सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) ने चीनी मोबाइल कंपनी वीवो के साथ इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) टाइटल प्रायोजन करार के निलंबित होने को महज एक ‘झटका’ करार दिया और उन चर्चाओं को खारिज किया कि इससे ‘वित्तीय संकट’ उत्पन्न हो सकता है.