हजारीबाग : फुटपाथ दुकानदारों ने नगर निगम के कर्मियों पर वसूली करने का आरोप लगाया है. उपायुक्त को भेजे पत्र में उन्होंने इसका जिक्र किया है. दुकानदारों ने फुटपाथियों पर अत्यााचार बंद करने और पथ जीविकोपार्जन एक्टं के तहत अधिकार देने की मांग की है. इस बाबत गरीब फुटपाथ दुकानदार संघ ने उन्हें 27 फरवरी को पत्र लिखा है. फुटपाथियों ने डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी मांग पत्र भेजा है.
संघ ने लिखा है कि 27 फरवरी, 2020 को नगर क्षेत्र के फुटपाथियों ने बैठक की. संघ ने 8 फरवरी को अपनी मागों को लेकर सभी प्रशासनिक विभागों को जानकारी दी थी, फिर भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.
खुदरा विक्रेता फुटपाथ अधिकार अधिनियम 2014 के तहत फुटपाथियों पर पुलिसिया और नगर निगम के अत्याचार को रोका जाय. सड़क से हटकर प्रतिदिन अस्थाई रूप से समान की बिक्री करके फुटपाथियों द्वारा भोजन, बच्चों की शिक्षा और जीवन गुजारने का प्रबंध किया जा रहा है. हमलोगों को स्थाई दुकान दिया जाय. वर्तमान में होली का पर्व है. फुटपाथियों को हटाने से परिवारिक जीवन पर असर पड़ेगा। फुटपाथियों को डोजर से उजाड़ने से तत्काल रोका जाये.
फुटपाथियों ने पत्र में कहा है कि नगर निगम के लोग जबरन 100 रुपये से लेकर 1000 रुपये वसूली कर रहे है. इसकी जांच की जाए और इसे रोका जाये. फुटपाथ पर समान बेचने से नहीं रोका जाए. किसी भी फुटपाथी या उसके बच्चे की मृत्यु भूखमरी या आर्थिक तंगी से होने पर जिला प्रशासन सहित नगर निगम भी जिम्मेवार होगा.
संघ ने कहा कि फुटपाथी नगर निगम क्षेत्र को साफ एवं स्वच्छ भी रखते है. हमें स्थाई दुकान देकर बसाया जाए. रांची फुटपाथियों के जैसा मार्केट/दुकान दिया जाये. परिवहन कार्यालय, छोटानागपुर बैंक स्थल, डम्पिंग ग्राउंड सहित अन्य स्थानों पर जगह दी जाये. इसपर गहन विचार किया जाए और हमें हटाने की वर्तमान कार्रवाई को रोकी जाए.