नई दिल्लीः देश में नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने के बाद मोदी सरकार ने ब्रू शरणार्थियों के लिए भी बड़ा फैसला लिया है. दिल्ली में हुई बैठक के दौरान गृह मंत्री अमित शाह और ब्रू शरणार्थियों के प्रतिनिधियों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर हुए.
गृह मंत्री ने कहा कि त्रिपुरा में लगभग 30,000 ब्रू शरणार्थियों को बसाया जाएगा। उन्होंने इसके लिए 600 करोड़ के पैकेज का ऐलान किया है। दरअसल 1997 में पड़ोसी राज्य में हुई हिंसा के बाद ब्रू जनजाति के लोग भागकर शिविरों में शरण ली थी.
Union Home Minister Amit Shah: Approximately 30,000 Bru refugees will be settled in Tripura. Rs 600 crore package has been given for this. https://t.co/yKUbYGJesP pic.twitter.com/iPuHQlLWCO
— ANI (@ANI) January 16, 2020
पिछले 22 साल से वे वहीं रह रहे हैं. वे भारत के बाहर से नहीं आए बल्कि यहीं की जनजाति से हैं. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि ब्रू शरणार्थियों को 40 बाइ 30 फुट का प्लॉट दिया जाएगा और साथ में चार लाख का फिक्स डिपॉजिट दिया जाएगा.
उन्हें दो साल तक हर महीने 5000 रुपये की मदद राशि भी दी जाएगी. इसके अलावा मुफ्त में राशन दिया जाएगा. बैठक में त्रिपुरा और मिजोरम के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे. इस जनजाति के लोग लंबे समय से अपने ‘अधिकारों’ की मांग कर रहे थे.
चुनाव के दौरान इनके लिए अलग से बूथ भी बनाया गया था. ब्रू समुदाय मुख्यतः त्रिपुरा, मिजोरम और असम में रहते थे. 1995 में ब्रू और मिजो जनजातियों में आपस में हिंसक झड़प शुरू हो गई. इसके बाद वे त्रिपुरा में शिविरों में रहने लगे.