रांची : भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड प्रदेश में लचर स्वास्थ्य व्यवस्था और कोरोना महासंकट के बीच सरकार की इंतजामी की आलोचना किया है. प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षडंगी ने कहा कि सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था ख़ुद वेंटिलेटर पर है. उन्होंने कहा कि अव्यवस्था का आलम यह है कि लोग कोरोना संक्रमण के अलावे संसाधनों के अभाव और लचर व्यवस्था के शिकार हो रहे हैं. बेड के अभाव में लगातार मरीज़ों की मृत्यु अव्यवस्था की भयावहता का प्रतीक है. शव घंटों तक एंबुलेंस में पड़े रह रहे हैं. कोविड टेस्ट की रिपोर्ट और उसके ऊपर मरीज़ को भर्ती लेने के निर्णय की निर्भरता के विषय पर सरकार सभी अस्पतालों के स्पष्ट दिशा निर्देश दे। मरीज़ों को भोजन तक नहीं मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि लोग संक्रमित होकर सड़कों पर घूम रहे है. अस्पताल के प्रांगण में इलाज के इंतज़ार में लोग दम तोड़ रहे हैं. लॉकडाउन की शुरूआत से ही भाजपा ने आगाह किया कि टेस्टिंग बढ़ाई जाए और विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानकों के हिसाब से एक्टिव मरीज़ों की संख्या के तीन गुना बेड की उपलब्धता हमेशा सुनिश्चित किया जाए। लेकिन सोशियल मीडिया पर अपनी पीठ थपथपाने में ही सरकारी व्यस्त रही और अब उस कुव्यवस्था का शिकार राज्य की जनता हो रही है और लगातार कोरोना से होने वाली मृत्यु दर बढ़ती जा रही है संक्रमण की दर बढ़ती जा रही है और रिकवरी रेट घटता जा रहा है। 30 दिनों में संक्रमित रोगियों की संख्या ढाई गुना से भी ज़्यादा बढ़ी है और प्रतिदिन 500 से ज़्यादा औसत राज्य में नए संक्रमित मरीज़ हो रहे हैं। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि प्रदेश की जनता कोरोना से जंग लड़ रही है और सूबे के स्वास्थ्य मंत्री अपने सचिव से उलझने में व्यस्त हैं। पूर्व विधायक सह भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि यह समय क़ानून का भय दिखाने का नहीं बल्कि सबको साथ लेकर चलने का है। कोरोना के खि़लाफ़ जंग साथ मिलकर ही जीती जा सकती है। भाजपा ने सुझाव दिया कि निज़ी अस्पतालों की निगरानी और उनकी समस्याओं के समाधान के निमित्त सरकार जिला स्तर पर निगरानी समिति गठित करे.