नई दिल्ली: बांग्लादेश क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मशरफे मुर्तजा ने दुख जता है कि उनको टीम से बाहर करने की तैयार चल रही है. वह अभी खेलना चाहते हैं लेकिन कुछ लोग उनको जबरदस्ती संन्यास दिलाने की कोशिश में लगे हैं. मुर्तजा ने कहा वो पैसे के लिए कभी नहीं खेले उन्होंने बांग्लादेश के लिए अपना जीवन दे दिया ऐसे में सम्मान के हक तो रखते हैं.
Cricbuzz से बात करते हुए मुर्तजा ने कहा, “ईमानदारी से कहूं तो ऐसा लगता है कि वो मुझे विदाई देने की जल्दी में हैं और इससे वाकई मुझे काफी तकलीफ हुई. पहली बात उन्हें मेरे लिए एक विदाई मैच रखना था और यह कोई साधारण मैच नहीं था.
एक द्वीपक्षिय सीरीज का मैच अलग होता है और जल्दी में किसी खास मुकाबले का आयोजन करना अलग बात होती है. दूसरी बात वो उस मैच के लिए 2 करोड़ (बांग्लादेशी टाका) की राशि खर्च करने को तैयार थे. कायदे से तो यह सही नहीं है ना खास कर यह देखते हुए कि हमारे फर्स्टक्लास प्लेयरों को उतने ज्यादा पैसे नहीं मिल रहे हैं.”
मुर्तजा ने कहा कि साल 2019 विश्व कप के बाद मैंने बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के चेयरमैन के साथ बैठकर बात की थी और उनको बताया था कि बांग्लादेश प्रीमियर लीग तक मैं खेलना जारी रखूंगा. यह बात वहीं खत्म हो गई थी लेकिन इसके बाद वो लोग जो बैठक में मौजूद भी नहीं थे मेरे लिए आपत्तिजनक बातें कहने लगे और इस बात का मुझे काफी बुरा लगा.
“उन्होंने मेरी सैलरी के बारे में बातें की, पूछने लगे आखिरी बोर्ड ऐसे किसी को पैसा क्यों दे जो वापस में कुछ लौटा नहीं सकता. क्या मैंने 18 साल तक पैसे के बारे में सोचकर क्रिकेट खेला है.
अगर मैंने पैसे का सोचा होता तो मेरे पास तब काफी मौके आए थे. मैंने पैसों के लिए क्रिकेट नहीं खेला है. इससे ज्यादा दुखी करने वाली बात की उन्होंने ये अफवाह फैलाई की बांग्लादेश की टीम विश्व कप में साढे़ 9 खिलाड़ियों के साथ ही खेली थी. क्या आपको लगता है मैं इस तरह की चीजों का हकदार हूं.
मुझे पता है कि बोर्ड शायद मुझे अच्छी विदाई देना चाहता है लेकिन आपको मेरा तरफ से भी तो देखना होगा. मेरे श्रीलंका दौरे पर जाने की बात हो रही थी और मैं गया भी होता अगर चोट नहीं लगती तो.”
“अचानक से सभी मुझे धक्कादेकर बाहर करने की जल्दी में लग गए थे. मैं तो बस इतना ही जानता हूं कि क्रिकेट के लिए मैं अपनी जिंदगी दे दी है. मैं अंदर से जख्मी था, खून बह रहा था. अगर पैसा मेरी पसंद होता तो मैंने बहुत सारी चीजे कर ली होती तब जब मेरा करियर मुश्किल में था और मुझे काफी चोटें लगी थी.”
“मैंने तो आईएसएल तक में नहीं खेला जब मुझे बांग्लादेशी मुद्रा के हिसाब से 8 करोड़ मिल रहे थे. मैं वहीं नहीं गया, मैंने अपना जीवन देकर क्रिकेट खेला मैं इतना महान खिलाड़ी नहीं बन सका लेकिन कम से कम मैं सम्मान का हकदार तो हूं.”