नई दिल्लीः दिल्ली दंगे में शहीद हुए हेड कॉन्स्टेबल रतनलाल की मौत पर लिए लोगों का गुस्सा अपने चरम पर है. रतनलाल का पार्थिव शरीर जिस समय उनके घर लाया गया, उसी समय दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी उनके परिवार से मिलने के लिए आने वाले थे.
सिक्यॉरिटी पूरी तरह सतर्क हो गई थी. धीरे-धीरे लोगों की भीड़ भी गली में बढ़ने लगी. पार्थिव शरीर के आने के इंतजार में आसपास के इलाके में रहने वाले हजारों लोग गली के चौराहे पर खड़े हो गए.
धीरे धीरे बढ़ती भीड़ ने सीएम के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी. केजरीवाल का काफिला बुराड़ी तक पहुंचा ही थी कि लोगों की नारेबाजी के कारण सिक्यॉरिटी ने उनका काफिला मोड़ लिया.
इससे नाराज लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया. जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री को राजघाट से सीधा शहीद रतनलाल के घर पर आना था.
मुख्यमंत्री बुराड़ी तक तो पहुंचे, लेकिन गली के नुक्कड़ पर जैसे ही उनका काफिला आया. कुछ लोगों ने नारेबाजी करनी शुरू कर दी, जिसे देखते हुए सिक्यॉरिटी ने मुख्यमंत्री का काफिला वापस मोड़ दिया.
हालांकि मुख्यमंत्री को रिसीव करने के लिए क्षेत्रीय विधायक संजीव झा मौजूद थे. लोगों में नाराजगी इस कदर थी कि विधायक के साथ भी धक्का-मुक्की की गई.
जिसके बाद संजीव झा भी मौके से चले गए लोगों और परिवार के सदस्य को जैसे ही यह बात पता लगी कि मुख्यमंत्री बुराड़ी में आने के बावजूद वापस चले गए, तो लोगों में खासी नाराजगी देखने को मिली.
लोग नारेबाजी करते हुए एक बार फिर से बुराड़ी की सड़कों पर आ गए और जाम लगा दिया। लोगों और परिवार के सदस्यों की मांग थी कि मुख्यमंत्री खुद आए और परिवार से मिले.
करीब आधे घंटे तक सड़क जाम रही, जिस वजह से जाम लग गया। पुलिस ने बड़ी मशक्कत से लोगों को समझा-बुझाकर सड़क को खुलवाया.