देवघर:- किसान ऋण माफी योजना के सफल क्रियान्वयन को लेकर आज उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री की अध्यक्षता में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन समारणालय सभागार में किया गया. इस दौरान उपायुक्त द्वारा योजना के सफल संचालन को लेकर विस्तृत जानकारी देते हुए बतलाया गया कि वर्तमान में किसानों की सुविधा को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा किसान ऋण माफी योजना का प्रारूप तैयार किया गया है. ऐसे में संबंधित विभाग के अधिकारी व अग्रणी बैंक प्रबंधक को आपसी समन्वय के साथ योजना से जुड़े आवश्यक कार्य को तय समय पर पूर्ण कर लें. साथ हीं उन्होंने सभी प्रखण्डों के प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को निदेशित किया कि अपने-अपने प्रखण्डों में योजना के क्रियान्वयन को लेकर कार्यशाला का आयोजन करते हुए किसानों को जागरूक करने हेतु व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार करें.
किसानों को आत्मनिर्भर व सशक्त बनाना राज्य सरकार व माननीय मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकताओं में है. कोरोनाकाल में वैसे कृषक समुदाय के समक्ष बहुत सारी चुनौती लेकर आई जिनकी आवश्यकता मुख्य रूप से कृषि पर ही निर्भर है . ऐसी स्थिति में कृषि उत्पादन प्रभावित के साथ इसका सीधा असर किसानों के आय पर ही पड़ा है. फलस्वरूप किशान बकाया फसली ऋण चूकाने में असमर्थ हो रहे है. साथ हीं ऋण राशि चूकाने में असमर्थ होने के कारण कृषक नये फसल ऋण एवं अन्य ऋण के लिए अयोग्य होते जा रहे है. ऐसे में राज्य सरकार द्वारा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण व्यवस्था एवं आवश्यक नीति किसाना ऋण माफी के तौर पर किया गया है. जो कृषक समुदाय को ऋण समस्या को बहूत हद तक कम करने में मदद करेगा.
इसके अलावे कार्यशाला के दौरान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री द्वारा जानकारी दी गई कि झारखंड किसान कर्ज माफी योजना 2021 के अंतर्गत झारखण्ड राज्य के छोटे और सीमांत किसानों का 50000 रूपये तक का राज्य सरकार द्वारा कर्ज माफ किया जायेगा. साथ हीं योजना के क्रियान्वयन में एसएलबीसी-बैंकों के समन्वय के साथ कार्यान्वित की जाएगी, इसलिए इस योजना के सफल कार्यान्वयन में बैंकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी. बैंक इस योजना के तहत विभिन्न उपयोग के लिए एक जगह पर डेटा उपलोड करने के लिए ऑनलाईन पोर्टल विकसित करेगी एसएलबीसी की देखरेख में बैंक फसल ऋणदाता डेटा अपलोड करने के लिए विकसित करेंगे और सरकार को प्रत्येक फसल ऋणदाता की प्रमाणित और सही जानकारी प्रदान करेंगे. फसल ऋण डाटा को भरने के लिए पोर्टल पर आवश्यक क्षेत्रों को बैंकों एवं सरकार के द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया जाएगा. फसल ऋणदाता डेटा की शुद्धता के लिए बैंक जिम्मेदार होंगे.
कार्यशाला के दौरान उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री द्वारा जानकारी दी गयी कि यह योजना पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में है. इस योजना के लिए आवेदन करने के लिए पात्र आवेदक को अपने आधार कार्ड और राशन कार्ड की प्रति के साथ आम सेवा केंद्रों बैंक शाखा में जाना होगा. साथ हीं सीएससी-बैंक आवेदक को योजना पोर्टल पर उनके आधार नंबर का उपयोग करके उनकी बकाया ऋण राशि और अन्य विवरण देखने में मदद करेंगे. आवेदक को अपना मोबाइल नंबर और योजना पोर्टल पर अपलोड करने के लिए आधार और राशन कार्ड की प्रति देनी होगी. एक बार आवेदक बकाया विवरण की पुष्टि कर देता है तो उसे ई-केवाईसी के माध्यम से अपने आवेदन को प्रमाणित करना होता है. एक बार आवेदन ई – केवाईसी के माध्यम से अपने विवरण की पुष्टि करता है तो उसका आवेदन आगे के सत्यापन और प्रसंस्करण के लिए योजना पोर्टल पर स्वचालित रूप से प्रस्तुत किया जाएगा, जिसके पश्चात आवेदक को अपने आवेदन के सफल जमा होने पर एक टोकन नंबर या संदर्भ संख्या प्राप्त होगी. साथ हीं आवेदक को आवेदन के लिए 1 रूपए (केवल एक रूपए) का भुगतान करना होगा. प्रज्ञा केंद्रों द्वारा लेनेवाली सेवा शुल्क की दर निर्धारण राज्य से होगा.