रांची. झारखंड सरकार ने करीब पांच महीने बाद देवघर स्थित बाबा बैद्यनाथधाम और दुमका स्थित बाबा वासुकिनाथ धाम मंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए कुछ शर्त्तां के साथ खोलने का निर्देश जारी किया है. इस संबंध में गृह एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से देवघर और दुमका के उपायुक्त को पत्र लिखकर आवश्यक प्रबंध करने को कहा गया है.
राज्य के गृह एवं आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से बुधवार को दोनों जिलों के उपायुक्तों को भेजे गये पत्र में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की अनुमति कुछ शर्तां के साथ दी गयी है. पहली शर्त यह है कि दर्शन करने वाला झारखंड का ही निवासी हो. देवघर के बाबा बैद्यनाथधाम मंदिर में हर घंटे 50 और दुमका के वासुकिनाथ धाम में हर घंटे 40 से ज्यादा लोग दर्शन नहीं करेंगे. दर्शन उन्हीं को करने दिया जाएगा, जिनके पास ऑनलाइन एंट्री पास होगा. प्रतिदिन सिर्फ चार घंटे ही श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति मिलेगी, साथ ही दोनों जिलों के प्रशासन को विभाग की ओर से जारी कोविड-19 के मद्देनजर सभी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया है.
गौरतलब है कि बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे की तरफ से दायर जनहित याचिका में सावन महीने में बाबा भोलेनाथ के दर्शन की अनुमति देने की मांग की गयी थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से सवाल किया था कि कोरोना संकट काल में भीड़ न लगे, इसके लिए मंदिर में सीमित संख्या में दर्शन करने की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है. सुप्रीम ने यह भी कहा था कि सीमित संख्या में और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का सख्ती से पालन कराते हुए लोगों को मंदिर में दर्शन करने की इजाजत दी जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के राज्य सरकार की ओर से शर्ता के साथ सावन पूर्णिमा के दिन भी श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी गयी थी.