ढाकाः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी दो दिवसीय बांग्लादेश यात्रा के दूसरे दिन की शुरुआत सत्खिरा स्थित प्राचीन जशोरेश्वरी काली मंदिर में देवी काली की पूजा अर्चना से की और इस दौरान समस्त मानव जाति के कल्याण की कामना की. कई शताब्दियों पुराना यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है.
मंदिर परिसर में पहुंचने पर प्रधानमंत्री का स्वागत शंख बजाकर, तिलक लगाकर और अन्य पारंपरिक तरीकों से किया गया.
इसके बाद प्रधानमंत्री ने विधि-विधान से मां काली की पूजा अर्चना की. उन्होंने मां काली को एक मुकुट, साड़ी व अन्य पूजन सामग्रियां भी अर्पित की और अंत में मंदिर की परिक्रमा भी की.
बाद में उन्होंने कहा कि मंदिर में पूजा अर्चना कर उन्होंने पूरी मानव जाति के कल्याण की कामना की.
उन्होंने कहा, ”आज मुझे 51 शक्तिपीठों में से एक मां काली के चरणों में आने का सौभाग्य मिला. मेरी कोशिश रहती है कि मौका मिले तो 51 शक्तिपीठों में कभी ना कभी जाकर अपना मत्था टेकूं.”
मोदी ने कहा कि वर्ष 2015 में वह जब बांग्लादेश आए थे तो उन्हें मां ढाकेश्वरी के चरणों में शीश झुकाने का अवसर मिला था और आज मां काली के चरणों में आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.
उन्होंने कहा, ”आज मानव जाति कोरोना के कारण अनेक संकटों से गुजर रही है, मां से यही प्रार्थना है कि पूरी मानव जाति को कोरोना के इस संकट से जल्द से जल्द मुक्ति दिलाएं.”
प्रधानमंत्री ने ”सर्वे भवंतु सुखिन:” के मंत्र का उल्लेख किया और ”वसुधैव कुटुम्बकम” को भारतीय संस्कृति की विरासत बताते हुए कहा, ”हम पूरी मानव जाति के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं.”
उन्होंने कहा कि जब यहां मां काली की पूजा का मेला लगता है तो बहुत बड़ी तादाद में भक्त आते हैं जिनमें सीमापार के श्रद्धालु भी शामिल होते हैं.
उन्होंने यहां एक सामुदायिक केंद्र के निर्माण की आवश्यकता बताते हुए कहा कि भारत सरकार यहां इसके निर्माण का कार्य करेगी ताकि जब काली पूजा के समय लोग यहां आएं तो यह उनके उपयोग में आए. आपदा के समय भी यह काम आए.
उन्होंने कहा, ”भारत सरकार यहां पर निर्माण कार्य कराएगी. इसके लिए बांग्लादेश सरकार ने शुभकामनाएं प्रकट की है. इसके लिए मैं उनका आभार प्रकट करता हूं.”
प्रधानमंत्री मोदी आज गोपालगंज जिले के तुंगीपाड़ा में ‘बंगबंधु’ शेख मुजीबुर रहमान के स्मारक पर भी जाएंगे. वह उस स्थान पर जाने वाले पहले गणमान्य भारतीय होंगे.
प्रधानमंत्री का ओराकांडी में मतुआ समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ संवाद का भी कार्यक्रम है.
शनिवार की दोपहर मोदी प्रधानमंत्री कार्यालय में हसीना के साथ वार्ता करेंगे. इस दौरान पांच समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. कुछ परियोजनाओं का भी वह डिजिटल माध्यम से उद्घाटन करेंगे.
स्वदेश रवाना होने से पहले वह राष्ट्रपति अब्दुल हमीद से भी मुलाकात करेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को ढाका पहुंचे थे जहां उनकी अगवानी बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने की. हसीना के साथ उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी भी हजरत शाहजलाल अंतर्राष्ट्रीसय हवाई अड्डे पर उपस्थिति थे. मोदी के सम्मा न में 19 तोपों की सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया.
कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद प्रधानमंत्री की यह पहली विदेश यात्रा है. यह यात्रा शेख मुजीबुर रहमान की जन्मंशताब्दीह, भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक संबंध स्था पित होने के पचास वर्ष पूरे होने और बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के पचास वर्ष पूरे होने से संबंधित हैं.