नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के स्थापना दिवस पर बल के जवानों और उनके परिवारों को शुभकामनाएं दी हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि बीएसएफ हमें विपत्ति से बचाते है- देश की सीमाओं की रखवाली करते हुए भी और प्राकृतिक आपदाओं और दुर्घटनाओं के समय में भी.
उन्होंने कहा कि हमें चौबीसो घंटे त्रुटिहीन सेवा उपलब्ध कराने के लिए बीएसएफ पर गर्व है. बीएसएफ स्थापना दिवस पर देश में अलग-अलग स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है. क्या आप जानते हैं कि देश में बीएसएफ की स्थापना क्यों और किस तरह हुई?
वर्ष 1965 के अप्रैल माह में पाकिस्तान की ओर से होने वाली नापाक हरकतों से देश परेशान हो उठा. उस समय गुजरात के भुज शहर से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर कच्छ के रण का तापमान बढ़ गया था. 9 अप्रैल की सुबह पाकिस्तान के कच्छ के रण स्थित भारत की दो चौकियों पर हमला कर दिया. उस समय सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी गुजरात पुलिस और सीआरपीएफ के हाथ में थी.
लगभग 15 घंटे तक यह युद्ध चला, सीआरपीएफ और पुलिस के जवानों ने डटकर सामना किया. इस दौरान पाकिस्तान के 34 सैनिक मारे गए और 4 सैनिकों को बंदी बना लिया गया. इसके बाद सोचा गया कि देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए एक अलग सैन्य बल की जरुरत है. इसके बाद एक दिसंबर को सीमा सुरक्षा बल की स्थापना की गई और के.एफ रूस्तमजी को सीमा सुरक्षा बल का पहला महानिदेशक नियुक्त किया गया.