रांची: झारखंड के गिरिडीह जिला के बिरनी प्रखंड अंतर्गत झांझ गांव के कृष्णदेव प्रसाद की दोनों आंखे 28 दिसंबर 2014 को मानव अंग तस्करों ने निकाल ली थी. यह घटना उनके साथ उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में घटी थी. इस मामले में पीड़ित को कई नेताओं ने मदद का भरोसा दिलाया था. पांच वर्ष बीत जाने के बावजूद भी कृष्णदेव को अब तक कोई मदद नहीं मिल पायी है. इस मामले को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता संजय मेहता ने 23 जनवरी 2020 को पीएमओ को पत्र लिखा था. 25 जनवरी 2020 को पीएमओ ने संजय मेहता के पत्र पर संज्ञान ले लिया. पीएमओ ने अब इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त सचिव अरुण कुमार दुबे को कार्रवाई करने को कहा है. पीएमओ के संज्ञान से अब पीड़ित के मदद की उम्मीद जगी है.
क्या लिखा गया था पत्र में
पत्र में संजय मेहता ने लिखा था कि झारखंड के गिरिडीह जिला अंतर्गत बिरनी प्रखंड के झांझ गांव निवासी कृष्णदेव प्रसाद , पिता – स्व. नारायण महतो को मदद की जरूरत है. कृष्णदेव प्रसाद एक राम भक्त हैं. 20 सालों से लगातार प्रत्येक वर्ष अयोध्या तीर्थ पर जाते हैं. 24 दिसंबर 2014 को वे हजारीबाग रोड़ स्टेशन से सियालदाह एक्सप्रेस पकड़कर अयोध्या गए. भक्ति भाव से पूजा किया.
28 दिसंबर 2014 को वे अयोध्या से झारखंड वापस आने लगे. इसी दौरान मानव अंग तस्करों ने उन्हें नशीला पदार्थ खिला दिया. बाद में अपराधियों ने कृष्णदेव की दोनों आंखों को निकाल लिया. मानव अंग तस्करों ने फैजाबाद रेलवे स्टेशन के बाहर कृष्णदेव को लावारिस हालात में छोड़ दिया. पुलिस की गश्ती दल ने जब उन्हें देखा तो फैजाबाद जिला अस्पताल में कृष्णदेव को भर्ती कराया. फैजाबाद जिला अस्पताल में इलाज सही से नहीं होने के कारण परिजन उन्हें झारखंड लेकर आ गए थे.