लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि दिन (30 जनवरी 1948) को गांधीजी की निर्मम हत्या कर दी गई थी. हत्यारा नफरत और साम्प्रदायिकता की भावना से भरा हुआ था. दुःखद यह है कि वही विचारधारा आज भी जिंदा है. उन्होंने कहा कि गांधीजी के विचारों का स्मरण करते हुए गांव-गरीब को साथ लेकर उनके सपनों को पूरा करने के लिए सभी समाजवादियों को एकजुट हो जाना चाहिए.
यादव ने कहा कि सद्भाव का रास्ता सर्वधर्म समभाव का है. स्वाधीनता आंदोलन और संविधान के मूल्यों तथा आदर्शों पर चलने का हमें संकल्प लेना चाहिए. गांधीजी ने देश को जगाया और गरीबों की भी आजादी के आंदोलन में भागीदारी रखी. वह समाज में सबसे अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति के हित के लिए योजनाएं लागू करने पर बल देते थे और मानते थे कि कल्याणकारी राज्य में सभी को सम्मान, अधिकार और जीवन की सुविधाएं मिलनी चाहिए.
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में गरीबों को, निर्दोष लोगों को सताया जा रहा है. समाजवादी गरीबों और किसानों के साथ है. भाजपा सरकार जनहित के मुद्दों पर पूर्णतया संवेदनाशून्य हैं. किसी के दुःख से भाजपा को कोई वास्ता नहीं. भाजपा अन्नदाता को बदनाम कर रही है. अब लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है. सन 2022 में लोकतंत्र की अग्नि परीक्षा होनी है.
यादव ने कहा कि भाजपा कैसी देशभक्त है जिसके राज में किसान-नौजवान मारा-मारा फिर रहा है. अपनी जायज मांग उठाने पर भी उन पर आंसू गैस और लाठियां चलती है. सीबीआई, ईडी का प्रयोग अपने विपक्षियों के चरित्रहनन के लिए किया जा रहा है.
निर्दोषों का फर्जी एनकाउंटर हो रहा है. जनतांत्रिक प्रदर्शनों को कुचलने का प्रयास करने को भाजपा अपनी बहादुरी समझती है.
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा झूठ, नफरत और अफवाहों की राजनीति करती है. समाजवादी सरकार के समय जो काम हुए उनकी प्रशंसा देश-विेदश तक में हुई. भाजपा राज में एक यूनिट बिजली का उत्पादन नहीं हुआ. सड़के गड्ढ़ा मुक्त नहीं हुई.
उन्होंने कहा कि सभी कार्यकर्ता अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में जाए और जनता के बीच रहकर उन्हें समाजवादी सरकार के कामों तथा पार्टी की नीतियों के बारे में बताए. अगले आम चुनाव में अब ज्यादा समय नहीं बचा है. हमें अनुशासित रहकर पूरी ईमानदारी और दृृढ़ता से भाजपा को हराने और समाजवादी पार्टी की सरकार बनाने के लिए जुट जाना है.