रांची: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पांच अप्रैल की रात नौ बजे नौ मिनट तक देशवासियों से घर में बत्तियों को स्विच ऑफ करने और मोमबत्ती, दीया, टार्च और मोबाइल फ्लैश लाइट जलाने की आग्रह के बाद पावर ग्रिड कारपोरेशन भी अपने स्तर से स्थिति से निपटने की तैयारी में जुट गया है.
5 अप्रैल की रात 9 बजे बिजली खपत में अचानक भारी कमी के कारण वोल्टेज बढ़ोतरी से पावर ग्रिड को किसी तरह का कोई जोखिम न उठाना पड़े इसके लिए आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी गयी है. पावर ग्रिड कारपोरेशन ऑफ इंडिया के कार्यकारी निर्देशक ने पत्र जारी कर एहतियात बरतने के लिये दिशा-निर्देश भी जारी किया है. इस संबंध में राज्य सरकार भी इन आशंकाओं के दृष्टिगस्त आवश्यक तयारी करेगी.
यह ध्यान रखना होगा कि राज्य में सभी जनरेटिंग स्टेशन उस अल्प अवधि में अपने अपने पावर जनरेशन को कम करे और टीसी स्विच ऑन का समय आये, तो उत्पादन बढ़ा दे. राज्य संचालित पावर सिस्टम ऑपरेशन काॅरपोरेशन जो पावर ग्रिड के इंटीग्रेटेड ऑपरेशन को देखता है, उसे भी यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्रिड स्थिरता बनी रहे, यानि ग्रिड की फ्रीक्वेंसी में ज्यादा परिवर्तन नही हो और ऐसा करना तब कठिन नहीं होता है जब पहले से यह पता हो कि बिजली खपत बढ़ने वाली है या घटने वाली है. यहां यह पहले से ही पता है कि 5अप्रैल को 9 बजे रात्रि में 9 मिनट तक घरों की बत्तियां बंद रहने वाली हैं, जिसका जानकारों अनुमान भी लगाया है कि खपत कितनी कम हो सकती है.
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सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी अथॉरिटी से मिली जानकारी के अनुसार एक ग्रिड को 49. 95-50.05 हर्ट्ज फ्रीक्वेंसी की जरुरत होती है और जब बिजली खपत 9 मिनट के लिए कम होगी, उस समय फ्रीक्वेंसी में ज्यादा परिवर्तन नहीं हो तो खतरे का डर कम हो जाता है. फ्रीक्वेंसी की स्टेबिलिटी बनाये रखना प्रबंधको का पहला काम होगा. पावर ग्रिड कारपोरेशन के निर्देशक ऑपरेशन ने तो यह भी कहा है कि लाइट स्विच ऑफ की जाए लेकिन दूसरे बिजली से चलने वाले पंखा-फ्रिज आदि इलेक्ट्राॅनिक उपकरणों को चालू रखा जाए.