संवाददाता
रांची : प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना के तहत पटना में प्रकृति गैस 30 रुपये की दर से उपभोक्ताओं को मिल रही है. पटना की दर पर ही अब रांची में भी सीएनजी और एसपीजी गैस का लाभ लोगों को मिलने वाला है. 23 अगस्त को रांची के प्रभात तारा मैदान से केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, मुख्यमंत्री रघुवर दास, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा इस योजना का संयुक्त रूप से उद्घाटन करेंगे. रांची में दो सीएनजी और एक पीएनजी डी-कम्प्रेशन यूनिट का उद्घाटन किया जाएगा. रांची के मधुवन और खुकरी में सीएनजी और मेकॉन कॉलोनी में डी-कम्प्रेशन यूनिट का खोला जाएगा. यह बातें बीएनआर चाणक्य में आयोजित प्रेस वार्ता में गेल इंडिया लिमिटेड के पूर्वी क्षेत्र के कार्यकारी निदेशक के. बी. सिंह ने बताया.
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सिंह ने बताया कि शुरुआती दौर में कैसकेड नामक विशेष कंटेनर्स में पटना से सड़क मार्ग होते हुए प्रकृतिक गैस रांची में पहुंचायी जाएगी. इसके बाद जगदीशपुर-हल्दिया एवं बोकारो-धमरा पाइपलाइन से गैस की आपूर्ति की जाएगी. 2020 तक झारखंड में गैस पाइपलाइन का पूरा काम समाप्त कर लिया जाएगा. सीएनजी की उपयोगिता के लिए तीन ऑटो कंपनी पियागो, बजाज और टीवीएस ने सीएनजी ऑटो वाहनों की आपूर्ति के लिए हामी भरी है. उन्होंने कहा कि सीएनजी पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से भी काफी बेहतर है. क्योंकि इसमें सल्फर या लेड जैसी केमिकल नहीं हैं. यह एलपीजी गैस की तुलना में सुरक्षित भी है, क्योंकि यह हवा से हल्का है और रिसाव के मामले में ऊपर उठता है. साथ ही एलपीजी की तुलना में काफी किफायती है.
4,366 करोड़ की लागत से 550 किलोमीटर गैस पाइपलाइन का होगा निर्माण
गेल के कार्यकारी निदेशक सिंह ने बताया कि गेल द्वारा 1.25 लाख से अधिक वाहनों में जल्द सीएनजी आपूर्ति की जाएगी और 10.46 लाख घरों में पाइपलाइन के जरिये नेचुरल गैस पीएनजी की आपूर्ति की जाएगी. रांची-जमदेशपुर में 22 सीएनजी स्टेशन का जल्द निर्माण किया जाएगा. उन्होंने बताया कि झारखंड में 4,366 करोड़ की लागत से 551 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन का निर्माण किया जाना है. सीएनजी-एसपीजी पाइपलाइन के निर्माण से लाखों रोजगार के आयाम खुलेंगे. उन्होंने कहा कि पाइपलाइन राज्य के 12 जिला चतरा, गिरिडीह, हजारीबाग, बोकारो, रामगढ़, धनबाद, सरायकेला, रांची, खूंटी, गुमला, सिमडेगा और पूर्वी सिंहभूम से होकर गुजरेगा. रांची से जमदेशपुर में सीजीडी परियोजना के तहत 1500 करोड़ खर्च होने है, जिसमें 450 करोड़ 3 से 5 वर्षो में खर्च किए जाएंगे.
सिंह ने बताया कि सीएनजी-एसपीजी गैस का लाभ भारत के 6 राज्यों में दिया जा रहा है. जिसमें उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, और असम शामिल है. प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा योजना के तहत गेल 11 हजार किलोमीटर गैस पाइपलाइन का काम पूरा कर लिया है, जल्द ही और 18 हजार पाइपलाइन भारतवर्ष में बिछाने का काम कर रहा है. प्रेस वार्ता में चीप जेनरल मैनेजर एमपी महतो, डिप्टी जेनरल मैनेजर पवन त्रिपाठी आदि उपस्थित थे.