जम्मू: केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के पुनर्गठन को लेकर तैयारी शुरु कर दी है. देश के अन्य दूसरे श्राइन बोर्ड की तर्ज पर इसका नए सिरे से गठन होगा. बोर्ड सदस्यों का कार्यकाल तीन साल का होता है, जो खत्म होने वाला है. जिसे लेकर श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के पुनर्गठन की तैयारी चल रही है.
जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड को छोड़कर अन्य श्राइन बोर्ड में स्थानीय नुमाइंदों को शामिल किया गया है. माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड में शामिल सभी सदस्य जम्मू-कश्मीर से बाहर के हैं. श्राइन बोर्ड में स्थानीय लोगों को मौका देने की वकालत करने वालों का मानना है कि बाहरी होने की वजह से श्राइन बोर्ड के सदस्य स्थानीय मुद्दों तथा समस्याओं के बारे में विचार नहीं कर पाते हैं.
बताते हैं कि बारीदारों की मांग 30 साल से अधिक समय से चल रही है. पिछले महीनों में राजभवन में आईएएस उमंग नरुला के साथ बारीदारों की बैठक कराई गई थी, ताकि बारीदारों की समस्या का समाधान हो सके. लेकिन, उनके लद्दाख चले जाने से यह मांग परवान नहीं चढ़ सकी. अब दोबारा से प्रयास शुरू किए गए हैं. गौरतलब है कि 1986 से पहले बारीदार ही माता वैष्णो देवी की देखरेख करते थे. इसके बाद श्राइन बोर्ड अस्तित्व में आ गया था.
अमरनाथ यात्रा की सुगबुगाहट तेज, तिथि तय नहीं
प्रदेश में अमरनाथ यात्रा की तैयारियां जोरों पर हैं. जम्मू से लेकर पवित्र गुफा तक श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के इंतजाम को अंतिम रूप दिया जा रहा है. हालांकि, सरकार ने अभी तक यात्रा तिथि को लेकर स्थिति साफ नहीं की है. इस कारण रेलवे ने भी अभी तक नई ट्रेनों के परिचालन को लेकर कोई सूची जारी नहीं की है.
अमरनाथ यात्रा के आयोजन को लेकर सरकार की ओर से 21 जुलाई की प्रस्तावित तिथि रखी गई है, लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए यात्रा का आयोजन संभव नहीं दिख रहा है. जम्मू रेलवे स्टेशन के लिए वर्तमान में दिल्ली से एक मात्र ट्रेन का परिचालन हो रहा है. ऐसे में अगर कल से यात्रा शुरू भी होती है तो यात्रा के लिए आने वाले लोगों के लिए अन्य ट्रेनों का नहीं चलना बड़ी परेशानी होगी.
यूपी, बिहार, उत्तराखंड, वेस्ट बंगाल जैसे राज्यों से अमरनाथ यात्रा पर अधिक श्रद्धालु आते हैं.
डीआरएम फिरोजपुर डिवीजन राजेश अग्रवाल ने कहा कि अभी तक हमारे पास नई ट्रेनों के परिचालन को लेकर कोई निर्देश नहीं आया है. वर्तमान में जम्मू के लिए एक मात्र ट्रेन चल रही है, नए आदेश आने पर कोई फैसला लिया जाएगा.
श्राइन बोर्ड में स्थानीय जनप्रतिनिधियों तथा बारीदारों को प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. इसमें बारीदारों के एक प्रतिनिधि के साथ ही रियासी के विधायक तथा स्थानीय सांसद को भी शामिल किया जाना चाहिए. जम्मू-कश्मीर के अन्य श्राइन बोर्ड शिवखोड़ी तथा माता सुकराला श्राइन बोर्ड में स्थानीय जनप्रतिनिधियों को रखा गया है. इससे आम जनता से जुड़े मसले हल हो सकेंगे.