प्रदेश सरकार देश में किसानों की कर्जमाफी से जुड़ी घोषणाओं में इसे सबसे सफल क्रियान्वित योजना के रूप में पेश कर रही है. सरकार ढाई वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के जश्न में इसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश कर सकती है.
योगी सरकार ने सत्ता संभालने के बाद पहली कैबिनेट बैठक में विधानसभा चुनाव में किसानों की कर्जमाफी के वादे पर अमल का एलान किया था. सरकार ने वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 व 2019-20 में पूरे फोकस के साथ कार्यवाही करते हुए पूरी ऑनलाइन प्रक्रिया के साथ किसानों के ऋणमाफी की कार्यवाही की.
पिछले काफी समय से छूटे किसानों की शिकायतों की जांच और पात्र किसानों को लाभ पहुंचाने की कार्यवाही चल रही है. पिछले दिनों इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए गठित सशक्त समिति की बैठक में योजना की प्रगति की समीक्षा की गई. बताया गया कि छूटे किसानों से प्राप्त शिकायतों का अंतिम बार निस्तारण कर कर्जमाफी की कार्यवाही की जा रही है.
मुख्य सचिव ने 15 दिन में पात्र किसानों को कर्जमाफी की कार्यवाही पूरी करने का निर्देश दिया. यह भी कहा गया कि सात जनवरी से 21 जनवरी 2019 के बीच जो आफलाइन शिकायतें आई हैं, उनका निस्तारण भौतिक सत्यापन के आधार पर किया जाए ताकि कोई भी पात्र किसान योजना के नियमों के दायरे में आने केबावजूद लाभ से वंचित न रहे.
बैठक में तय हुआ कि योजना को सफलतापूर्वक दो वर्ष से अधिक समय संचालित कराया जा चुका है. सभी पात्र किसानों को योजना से लाभान्वित कराने के लिए कई चरणों में विभिन्न माध्यमों से किसानों से शिकायतें प्राप्त की गईं और उसका निस्तारणकर उन्हें लाभन्वित करने का हरसंभव प्रयास किया जा चुका है.
ऐसे में अब और अधिक समय तक योजना को संचालित करना उपयुक्त नहीं होगा, इसलिए इसे समाप्त कर दिया जाए. सशक्त समिति ने सर्वसम्मति से इस संबंध में मुख्यमंत्री का अनुमोदन प्राप्त करने की संस्तुति कर दी है.
जिलाधिकारियों व बैंकों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं वे अंतिम तौर पर लाभार्थियों के बारे में सुनिश्चित हो लें कि किसी अपात्र को योजना का लाभ नहीं मिला है और कोई पात्र छूटा नहीं है.