लखनऊ: केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशानिर्देशों के अनुपालन में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने सभी कार्यालयों को 20 अप्रैल से खोलने की तैयारी शुरू कर दी है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने कार्यालयों को खोलने के लिये शुक्रवार को दिशानिर्देश दिये है. यह आदेश नोवेल कोरोना वायरस महामारी से लड़ने में लगे आपातकालीन और आवश्यक सेवा के अधिकारियों और कर्मचारियों पर लागू नहीं होंगे.
पुलिस, होमगार्ड्स, अग्निशमन विभाग, आपातकालीन सेवाओं, आपदा प्रबंधन, जेल और शहरी विकास के कार्यालयों में उपस्थिति बिना किसी प्रतिबंध के सामान्य रूप से कार्य करेगी.
अपर मुख्य सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक मुकुल सिंघल द्वारा शुक्रवार को जारी आदेश कहा है कि राज्य के सभी विभागाध्यक्ष/ कार्यालयाध्यक्ष एवं समुह क तथा ख के सभी अधिकारी कार्यालयों में उपस्थित रहेंगे.
विभाग का प्रमुख यह सुनिश्चित करेगा कि अधीनस्थ कर्मचारियों का केवल 33 प्रतिशत कार्यालय में आए. सरकार द्वारा विभागों को एक रोस्टर तैयार करने की सलाह दी गई है, ताकि अधीनस्थ कर्मचारी आधिकारिक कार्य के सुचारू संचालन के लिए वैकल्पिक दिनों में कार्यालय आए.
आदेश में कहा गया है कि जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय और जिला कोषागार के कर्मचारी जरूरत के मुताबिक ड्यूटी के लिए तैनात किए जाएंगे. उत्तर प्रदेश सरकार के रेजिडेंट कमिश्नर का कार्यालयों को भी कोविड 19 के संबंध में तथा आतंरिक किचन के संचालन के लिये उक्त प्रतिबंधों के साथ संचालित किया जाये.
वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी, जो प्राणी उद्यान, नर्सरी, वन्यजीव और वन गश्त में काम करते हैं, वे भी सामान्य तरीके से काम करेंगे.
सचिवालय प्रशासन विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी एक अलग आदेश में कहा है कि अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और विशेष सचिव तक के अधिकारी कर्तव्यों का निर्वहन करने के लिए नियमित रूप से कार्यालय में आएंगे. बाकी कर्मचारी अपने संबंधित अधिकारी द्वारा तैयार रोस्टर के अनुसार कार्यालय आएंगे.
आदेश में कहा गया है कि विभिन्न बीमारियों से पीड़ित है. इसके अलावा अन्य पीड़ितों को ड्यूटी के लिए नहीं बुलाया जाएगा जो कोविड-19 की चपेट में आये है. हॉटस्पॉट क्षेत्रों में निवास कर रहे सचिवालय के कर्मचारियों को भी ड्यूटी के लिए नहीं बुलाया जाएगा.