नई दिल्ली. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि के क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार किए हैं, जिनमें 10 हजार किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन अत्यंत महत्वपूर्ण है. इसे पूरा करने का जिम्मेदारीपूर्ण दायित्व लघु कृषक कृषि व्यापार संघ (एसएफएसी) का है.
साथ ही वर्तमान परिस्थितियों में ई-नाम प्लेटफार्म को सशक्त करने की बड़ी जवाबदारी भी निभाएं. एसएफएसी की स्थापना के बाद से देश में संस्थागत व निजी क्षेत्र के निवेश के प्रोत्साहन में काफी प्रगति हुई है.
तोमर ने यह बात शुक्रवार को एसएफएसी की 24वीं प्रबंधन बोर्ड व 19वीं वार्षिक जनरल बोर्ड की बैठक के दौरान कही. तोमर ने एसएफएसी द्वारा प्रयत्नपूर्वक दो चरणों में संख्या बढ़ाकर 1000 मंडियों को ई-नाम से जोड़ने पर पूरी टीम को बधाई दी.
उन्होंने कहा कि इस प्लेटफार्म को बनाने का उद्देश्य पूर्ण होना चाहिए. ई-नाम प्लेटफार्म के जरिए अभी तक एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हो चुका है.
ई-नाम की शुरुआत से 1.66 करोड़ से ज्यादा किसान, 1.30 लाख से अधिक व्यापारियों का पंजीयन हुआ है. कृषि के क्षेत्र में नए रिफार्म होते जा रहे हैं, ऐसे में सरकार व एसएफएसी जैसे संगठनों की जवाबदारी निरंतर बढ़ती जा रही है.
चुनौती हम सबके सामने यह भी है कि रिफार्म के परिणामस्वरूप उत्पाद बेचने में सरलता हो, पारदर्शिता रहे, किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सकें, किसानों की सीधी पहुंच इस प्लेटफार्म तक हो, यह सब सुनिश्चित किया जाना चाहिए.
लाॅकडाउन में भी किसानों ने बड़ी मेहनत से फसल कटाई का काम पूरा किया और अब उपार्जन का काम भी अच्छे से संपन्न हो रहा है. किसानों को इस संबंध में एसएफएसी ने भी मदद की, जिसके लिए वह बधाई का पात्र है.
तोमर ने कहा कि एफपीओ का गठन एसएफएसी पहले मंत्रालय की वर्तमान योजनाओं के आधार पर करता था, जिसमें कुछ कठिनाइयां आती थी, लेकिन अब प्रसन्नता की बात है कि प्रधानमंत्री ने पूरे देश में 10 हजार का गठन करने की घोषणा की है, जिससे इस काम में गति आएगी. एफपीओ का न केवल गठन हो बल्कि उनके उद्देश्यों की प्राप्ति भी हो.
किसान सामूहिक रूप से इकट्ठे हो, विचार करें, उनका प्रशिक्षण हो, उत्पादन बढाएं, विविध फसलें लें, कीटनाशकों के कम इस्तेमाल इत्यादि पर मंथन हो, इन मायनों में जिम्मेदारी बढ़ जाती है. किसानों की आमदनी दोगुनी करने का प्रधानमंत्री ने लक्ष्य तय किया है. बीच में कोविड का संकट आया, लेकिन फिर भी कृषि मंत्रालय और किसानों की गति नहीं रूकी है.
कृषि मंत्री ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान कृषि उपज के परिवहन की समस्या हल करने के लिए किसान रथ एप की कल्पना को मंत्रालय के अधिकारियों के सहयोग से एसएफएसी ने लांच किया, जिससे काम सुगम हो सका.