नई दिल्ली:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister of India) वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये आज शाम 5.30 बजे दुनिया की बड़ी तेल-गैस (Oil & Gas Company) कंपनियों के सीईओ के साथ बातचीत करेंगे. पीएमओ (PMO) के अनुसार भारत वैश्विक तेल एवं गैस क्षेत्र में महत्वपूर्ण देश है. कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता तथा चौथा सबसे बड़ा एलएनजी आयातक है. भारत के वैश्विक तेल एवं गैस मूल्य श्रृंखला में एक सक्रिय भागीदारी बनने के इरादे से नीति आयोग ने सबसे पहले 2016 में वैश्विक तेल एवं गैस कंपनियों के सीईओ की गोलमैज बैठक का आयोजन किया था. इस सालाना कार्यक्रम का आयोजन नीति आयोग और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय कर रहा है. प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने एक बयान में कहा कि नीति आयोग और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय का यह इस प्रकार का पांचवां कार्यक्रम हैं. इस गोलमेज बैठक में प्रमुख तेल एवं गैस कंपनियों के करीब 45 सीईओ शामिल होंगे.
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऊर्जा उपभोक्ता देश है और बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए 2030 तक यहां तेल एवं गैस क्षेत्र में 300 अरब डॉलर से अधिक निवेश होने का अनुमान है. इस लिहाज से बैठक महत्वपूर्ण है.बैठक में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान उद्घाटन भाषण देंगे. उसके बाद तेल एवं गैस क्षेत्र में भारत की योजना और अवसर के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी.
उसके बाद वैश्विक सीईओ और विशेषज्ञों के साथ परिचर्चा होगी. बैठक में अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) के सीईओ तथा संयुक्त अरब अमीरात के उद्योग और अत्याधुनिक प्रौद्योगिक मामलों के मंत्री सुलतान अहमद अल जाबेर, कतर के ऊर्जा मंत्री और कतर पेट्रोलियम के अध्यक्ष और सीईओ साद शेरिदा अल-काबी, ओपेक के महासचिव मोहम्मद सनुसी बरकिंडो शामिल होंगे.मुकेश अंबानी समेत कई भारतीय कंपनियों के चेयरमैन भी होंगे शामिल-इसके अलावा रूस की कंपनी रोसनेफ्ट के सीईओ और चेयरमन इगोर सेचिन, बीपी लि.के सीईओ बर्नार्ड लूनी, टोटल एसए फ्रांस के चेयरमैन और सीईओ पैट्रिक पोयाने, वेदांता रिर्सोसेज लि.के चेयरमैन अनिल अग्रवाल, रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी, अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के कार्यकारी निदेशक फतीह बिरोल, अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा मंच के महासचिव जोसेफ मैक मोनिगले और गैस निर्यातक देशों के मंच के महासचिव यूरी सेंतीरीन भी अपने विचार प्रधानमंत्री के साथ साझा करेंगे. इससे पहले, प्रधानमंत्री सेरावीक के इंडिया एनर्जी फोरम का उद्घाटन करेंगे