बीएचयू में जंतु विज्ञान की छात्राओं पर अश्लील कमेंट करने के आरोप में निलंबित प्रोफेसर एसके चौबे को बर्खास्त करने की मांग करते हुए छात्राएं शनिवार शाम छह बजे से सिंह द्वार पर धरने पर बैठी हैं। अभी भी धरना जारी है। नारेबाजी करते हुए छात्राओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर प्रोफेसर को बचाने का आरोप लगाया। चीफ प्रॉक्टर प्रो. ओपी राय ने छात्राओं को मनाने का प्रयास किया, लेकिन देर रात तक वह कुलपति को बुलाने पर अड़ीं थीं।
छात्राओं का आरोप है कि बदसलूकी करने वाले आरोपी प्रोफेसर को बीएचयू प्रशासन ने सिर्फ चेतावनी देकर छोड़ दिया। दूसरी तरफ इस मामले में बीएचयू के रजिस्ट्रार का कहना है कि विश्वविद्यालय के कुलपति ने मामले का संज्ञान लिया था और आरोपी प्रोफेसर को सस्पेंड कर दिया था। बाद में जांच समिति ने एक रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद विवि ने प्रोफेसर पर प्रतिबंध लगा दिया था। वह बीएचयू में न तो किसी पोस्ट पर काम कर सकते हैं और न ही किसी जिम्मेदारी को संभाल सकते हैं। इसके अलावा किसी दूसरे कॉलेज या विश्वविद्यालय में आवेदन भी नहीं कर सकते हैं।
धरने पर बैठी छात्राओं ने बताया कि पुणे टूर के दौरान प्रोफेसर चौबे ने छात्राओं की शारीरिक बनावट को लेकर अश्लील कमेंट करने के साथ अभद्रता भी की थी। इस मामले में दोषी पाए जाने के बाद भी विश्वविद्यालय प्रशासन उन्हें बचाने का प्रयास कर रहा है, यह समझ से परे हैं। ऐसा तब हो रहा है जब धरना-प्रदर्शन करने के साथ ही लिखित शिकायत की गई थी।
उनका कहना है कि शैक्षणिक टूर का उद्देश्य नंद कानन जूलॉजिकल पार्क में जंतुओं के बारे में अध्ययन कराना था, लेकिन प्रो. चौबे छात्राओं को कोणार्क सूर्य मंदिर ले गए और वहां की प्रतिमाएं दिखाकर अश्लील कमेंट किए।