चेन्नई: अभिनय से राजनीति की दुनिया में कदम रखने वाले रजनीकांत ने पिछले दिनों तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके पर निशाना साधते हुए कहा था कि रजनी ने द्रविड़ आंदोलन के जनक कहे जाने वाले एम करुणानिधि और पेरियार ईवी रामसामी पर टिप्पणी की थी जिसे लेकर रजनीकांत के घर के बाहर थनथाई पेरियार द्रविदर कझगम के कार्यकर्ता प्रदर्शन कर रहे हैं. इसे देखते हुए रजनीकांत के निवास के पास पुलिस तैनात की गई.
गौरतलब हो कि मंगलवार को भी रजनीकांत के घर के बाहर थनथाई पेरियार द्रविदर कझगम के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया. वहीं, पेरियार पर की गई टिप्पणी को लेकर रजनीकांत ने कहा कि मैंने यह बातें खुद ही नहीं कहीं, ये मीडिया में भी प्रकाशित हुई हैं, मैं उन्हें दिखा सकता हूं. मैं इसके लिए माफी नहीं मांगूंगा.
इससे पहले द्रविदार विधुतलाई कझगम के सदस्यों ने रजनीकांत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. रजनीकांत पर पेरियार के खिलाफ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी का आरोप है. कझगम की शिकायत में रजनीकांत के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 (ए) के तहत मामला दर्ज करने की मांग की गई.
रजनीकांत ने कहा था कि पेरियार हिंदू देवताओं के कट्टर आलोचक थे लेकिन उस समय किसी ने पेरियार की किसी ने आलोचना नहीं की.
रजनीकांत ने कहा कि यह केवल चो (रामासामी) थे जिन्होंने पेरियार से मोर्चा लिया जो करुणानिधि को पसंद नहीं आया. चो को करुणानिधि के क्रोध का सामना करना पड़ा. चो ने कहा कि डीएमके के संरक्षक ने उन्हें मुफ्त में भी प्रचार दे दिया और पूरे देश में लोकप्रिय बना दिया. चो उस समय की सरकार के कट्टर विरोधी थे.