अरविन्द पटेल,
महराजगंज: प्रधानी का कार्यकाल अगले कुछ महीनों में समाप्त होने वाला है लेकिन उसके पहले ही महराजगंज जिले के दो प्रधान वित्तीय अनियमितता में नप गए हैं. विकास के नाम पर सरकारी बजट में गड़बड़ी करने के आरोप में डीएम ने दोनों प्रधानों को पद से हटा कर उनका वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिया है.
इसकी अंतिम जांच डीआईओएस व डीडीएजी को सौंपी है. इसके साथ ही ग्राम पंचायत अधिकारी पर भी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.
पहला मामला लक्ष्मीपुर ब्लाक के टेढ़ी गांव का है. गांव के राजेन्द्र व सीताराम ने 22 फरवरी 2019 को डीएम को नोटरीयुक्त शपथ पत्र देकर गांव के विकास कार्यों की जांच की मांग की थी.
इस पर डीएम ने जांच के लिए त्रिस्तरीय कमेटी बनाकर जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी, सहायक अभियंता ग्रामीण अभियंत्रण विभाग व सहायक लेखाधिकारी जिला विकास अधिकारी को जांच का जिम्मा सौंपा.
जांच में अनियमितता, कमियां मिलने पर डीपीआरओ ने प्रधान कुसुमावती के खिलाफ उत्तर प्रदेश पंचायत राज एक्ट के 95 (1) छ के तहत नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर अभिलेख व स्पष्टीकरण मांगा.
लेकिन कई बार अनुस्मारक पत्र देने के बाद भी प्रधान ने अभिलेख नहीं दिया. इसके बाद डीएम ने कार्रवाई की. दूसरा मामला मिठौरा ब्लाक के मिठौरा गांव का है.
यहां उत्सव कुमार, बलाल अहमद व शैलेष साहनी ने 24 जनवरी 2020 को शपथ पत्र के साथ डीएम को शिकायत पत्र देकर गांव के विकास कार्यों की जांच की मांग की थी. इसकी जांच डीएम जिला दिव्यांगजन कल्याण अधिकारी को सौंपी.
जांच में पायी गई कमियों के आधार पर बीडीओ ने प्रधान को नोटिस जारी कर अभिलेखों के साथ स्पष्टीकरण तलब किया. कई बार नोटिस देने के बाद भी प्रधान ने न अभिलेख दिया और न ही स्पष्टीकरण.
बाद में साक्ष्य उपलब्ध कराया लेकिन उपलब्ध अभिलेखों व साक्ष्यों से मिलान करने पर कई गड़बड़ी मिली. इसके बाद डीपीआरओ ने प्रधान को पद से हटाने के लिए उत्तर प्रदेश पंचायत राज एक्ट के 95 (1) छ का नोटिस जारी किया.
लेकिन इसके बाद भी प्रधान ने कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद भी कई नोटिस दी लेकिन प्रधान न हाजिर हुए और न ही नोटिस का जवाब दिया.
इसके बाद डीएम ने प्रधान सरिता को भी उनके पद से हटाकर वित्तीय व प्रशासनिक अधिकार सीज कर दिया है. इसकी अंतिम जांच सहायक निदेशक कृषि व सहायक अभियंता ग्राम्य विकास अभिकरण को जांच सौंपी है.