BCCI ने बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (Bangladesh Cricket Board) को डे-नाइट टेस्ट मैच खेलने का प्रस्ताव दे दिया है. अगर बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड इस पर सहमति देता है तो फिर 22 नवंबर से कोलकाता (Kolkata) के ईडन गार्डंस पर टीम इंडिया अपना पहला डे-नाइट टेस्ट मैच खेल सकती है. मगर इस टेस्ट से पहले ही सबसे बड़ी चुनौती भारतीय हालात के हिसाब से गुणवत्ता वाली गुलाबी गेंदों (Pink Balls) की उपलब्धता सुनिश्चित करने की है.
साल 2016 में बीसीसीआई (BCCI) ने एसजी गेंदों (SG Balls) के साथ प्रयोग किया था और यहां तक कि दलीप ट्रॉफी के लिए ड्यूक गेंदें तक इस्तेमाल की थीं. मगर यह प्रयोग असफल रहा क्योंकि शुरुआती 20 ओवरों के बाद गेंद का रंग फीका पड़ने लगा और इसकी हार्डनेस भी कम हो गई. अब इस बारे में बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा है कि इंग्लैंड और अन्य देशों के नरम मैदानों की तुलना में भारतीय मैदान सख्त होते हैं. ऐसे में गेंद का आकार और हार्डनेस बरकरार रखना मुश्किल हो जाता है.
बीसीसीआई (BCCI) अधिकारी ने कहा, ‘डे-नाइट टेस्ट (Day Night Match) आयोजित करने के लिए बोर्ड को कम से कम 24 गुलाबी गेंदों (Pink Balls) का इंतजाम करना होगा ताकि दोनों टीमें मैच प्रैक्टिस कर सकें. इसके अलावा एक बॉल लाइब्रेरी भी बनानी होगी ताकि मैच में जरूरत पड़ने पर पुरानी गेंदों का इस्तेमाल किया जा सके.’ हाल ही में भारतीय कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने भी एसजी गेंदों को लेकर नाखुशी जताई थी.
भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने ये भी कहा था कि एसजी गेंदों की क्वालिटी पहले काफी अच्छी होती थी, लेकिन अब मुझे नहीं पता कि इसमें गिरावट क्यों आ रही है. विराट के अनुसार, ‘ड्यूक गेंदों की क्वालिटी अब भी काफी अच्छी है. कूकाबुरा की गेंदें भी अच्छी हैं. इन्होंने गेंदों की क्वालिटी के साथ कोई समझौता नहीं किया.’ भारतीय टीम को बांग्लादेश के खिलाफ दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है. सीरीज का पहला मैच 14 नवंबर से इंदौर में खेला जाएगा, जबकि दूसरा मुकाबला 22 नवंबर से कोलकाता में होगा.