संतोष सिन्हा,
रांची: पूरे देश में लॉकडाउन के दौरान भूख मिटाना सबसे बड़ी समस्या हो गई है, खासकर उन बच्चों के लिए जिनका कोई नहीं है. जो दिन को सड़कों पर कुछ मांग कर खा लेते और वहीं फुटपाथ पर सोकर रात बिता लेते थे. इस लॉक डाउन में खाना तो दूर भला दूध कैसे नसीब हो.
लेकिन इन विकट परिस्थिति में भी पुलिस की भूमिका ने साबित कर दिया है कि पुलिस समाज के लिए सभी प्रकिर का रोल अदा कर सकती है उनके सिने में भी एक मासूम, सच्चा और नेक दिल पलता है.
रांची डेली मार्केट थाना में थाना प्रभारी के रूप में पदस्थापित राजेश कुमार सिन्हा का जिन्होंने मानवता का एक मिशाल कायम किया है, राजेश कुमार ने 7 – 8 वर्ष के भूख से बेचैन बच्चे को अपने हाथों से दूध पिला रहे हैं. डेली मार्केट के समीप बहुत से बच्चे ऐसे थे जिन्हें दो वक़्त खाना तो मिल जा रहा था लेकिन उनसे दूध पूछने वाला कोई नहीं था.
इसपर एक सवाल के जबाब में राजेश कुमार ने कहा की 7 से 8 साल के बढ़ते बच्चों के लिए दूध बहुत ही जरूरी आहार के रूप में है इसके बिना बच्चे कुपोषण के शिकार हो सकते है. वैसे भी बच्चे बिना दूध के नही राह पाते .
उन्होंने आगे कहा की मुझे बच्चों की खुशी में अपनी खुशी झलकती है. इन बच्चों की खुशी में मेरी खुशी है.
इस कार्य पश्चात बच्चे की खुशी देख कर खुद राजेश कुमार भी बेहद उत्साहित दिखे .पुलिस की ऐसी सहिर्दयता की छवि लोगों को काफ़ी प्रभावित कर रही है.