दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का लद्दाख दौरान स्थगित हो गया है. वह शुक्रवार को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के साथ लद्दाख जाने वाले थे. लद्दाख में रक्षा मंत्री को चीनी सेना के साथ सीमा पर गतिरोध के मद्देनजर भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लेना था. अब उनके कार्यक्रम को दोबारा तैयार किया जा रहा है.
अगर रक्षा मंत्री शुक्रवार को लद्दाख जाते तो भारत-चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध के दौरान उनका पहला लद्दाख दौरा होता. उनके साथ थलसेनाध्यक्ष नरवणे भी जाने वाले थे. बता दें कि नरवणे कुछ दिन पहले ही लद्दाख दौरे से लौटे हैं. माना जा रहा था कि राजनाथ सिंह के दौरे का मकसद सैनिकों का मनोबल बढ़ाना था.
इससे पहले जनरल नरवणे लद्दाख सीमा पर गए थे और जवानों को सम्मानित करते हुए उनका हौसला बढ़ाया था. इसके बाद उन्होंने दिल्ली आकर रक्षा मंत्री को हालात की जानकारी दी थी.
बता दें कि वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच मंगलवार को चुशूल सेक्टर में कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी.
सैन्य अधिकारियों के बीच इस बैठक का तीसरा दौर 12 घंटे तक चला था. सैन्य सूत्रों ने बताया कि चीन के अड़ियल रवैये के चलते एलएसी पर गतिरोध को खत्म करना एक जटिल प्रक्रिया हो गई है.
शीर्ष सरकारी सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एलएसी के पास लगभग दो डिवीजनों (लगभग 20,000) की तैनाती की है. इसके अलावा चीन ने एक और टुकड़ी (10,000 सैनिक) को उत्तरी शिनजियांग प्रांत में तैनात किया है, जो लगभग 1,000 किलोमीटर की दूरी पर है और समतल इलाका होने के कारण उसे हमारे मोर्चे तक पहुंचने में अधिकतम 48 घंटे का समय लगेगा.