रांची: वर्ष 1954 में एक फिल्म रिलीज हुई थी. नाम था टैक्सी ड्राईवर. उसका गीत ‘जायें तो जायें कहां’ काफी मशहूर हुआ था. यह गीत राज्यसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय पर सटीक बैठ रहा है. इशारों-इशारों में उन्होंने इसे जगजाहिर भी किया है.
चुनाव में हेमंत का मिला साथ
चुनाव के दौरान कांग्रेस और झामुमो में गठबंधन था. पूर्वी जमशेदपुर सीट से कांग्रेस ने प्रत्याशी भी उतारा था. इसके बाद भी झामुमो ने निर्दलीय सरयू राय को खुलेआम समर्थन दिया था. यही नहीं, राय भी हेमंत सोरेन का प्रचार करने दुमका गये हुए थे.
बदली है परिस्थिति
राज्यसभा चुनाव में स्थिति बदली हुई है. भाजपा ने दीपक प्रकाश को प्रत्याशी बनाया है. राय को पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के नाम से आपत्ति है. मंत्री रहते हुए भी वे खुले तौर पर उनकी खिलाफत करते रहे थे.
संख्या बल पर उठाया सवाल
निर्दलीय प्रत्याशी सरयू राय ने राज्यसभा चुनाव में तीसरा उम्मीदवार देने को भी उचित नहीं बताया है. उनका कहना है कि केवल चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी उतारना सही नहीं है. कांग्रेस गंभीरता से चुनाव नहीं लड़ रही है. उसके पास संख्या बल भी पर्याप्त नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि यूपीए की ओर से उनसे किसी ने संपर्क नहीं किया है.
आजसू में धर्म संकट
राज्यसभा चुनाव में वोटिंग को लेकर आजसू में भी धर्मसंकट है. आजसू के कहने पर ही भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास का टिकट काटकर दीपक प्रकाश को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में आजसू के यूपीए प्रत्याशी की ओर जाना मुश्किल लग रहा है. यही नहीं, केंद्र में आजसू पार्टी एनडीए की ही घटक दल है.