जावेद अख्तर,
गोड्डा: महागामा अनुमंडल के क्षेत्रों में सोमवार को हर्षोल्लास के साथ रक्षा बंधन का त्योहार मनाया गया. हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर इस वर्ष थोड़ा कम चहल-पहल दिखा, लेकिन इसके बावजूद भी अधिकांश बहनें अपने भाइयों को मास्क पहनकर राखी बांधने के लिए तत्पर दिखी.
कोरोना वायरस संक्रमण भी भाई-बहन के इस पवित्र पर्व के उल्लास को कम ना कर सका. रक्षाबंधन त्योहार को लेकर शहर से लेकर गांव तक के बाजारों में रौनक रहा.
कोरोना वायरस से उत्पन्न विषम परिस्थिति के दौरान अधिकांश विवाहित बहनें अपने घरों में रहते हुए वीडियो कॉलिंग एवं सोशल मीडिया के माध्यम से अपने भाइयों से जुड़कर रक्षाबंधन पर्व के रस्म को निभाई.
रक्षाबंधन प्रत्येक वर्ष श्रावण महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है. मुख्य रूप से यह पर्व भाई-बहन के रिश्तो की अटूट डोर का प्रतीक है. भारतीय परंपराओं का यह एक ऐसा पर्व है, जो केवल भाई बहन के साथ-साथ हर समाजिक संबंध को मजबूत करता है.
इसलिए यह पर्व भाई-बहन को आपस में जोड़ने के साथ-साथ सांस्कृतिक व सामाजिक महत्व भी रखता है. रक्षाबंधन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्व है.
बहन ने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र के रूप में राखियां बांधती है एवं ईश्वर से अपने भाई की सुरक्षा व अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करती है, जबकि भाई भी राखी बंधवाने के समय जीवन भर बहन की रक्षा का प्रण लेता है.