रांची: पुलिस की गिरफ्त में आए शूटर अमन साहू के बयान पर यदि यकीन किया जाए तो यह पुलिस पर दाग के समान होगा. शूटर ने पूछताछ के दौरान यह खुलासा किया है कि छापेमारी और पुलिस मोमेंट की पूरी जानकारी रामगढ़ के टेक्निकल सेल से मिल जाती थी.
टेक्निकल सेल के कुछ सिपाही अपराधियों के संपर्क में थे. पुलिस की टीम कहां जाने वाली है, किस को पकड़ने वाली है, कहां छापा पड़ेगा इसकी सूचना पहले ही अपराधियों को मिल जाया करती थी.
इस एवज में पुलिस को मोटी रकम का भुगतान किया जाता था. इस पूरे मामले की जानकारी रामगढ़ के एसपी को नहीं थी. टेक्निकल सेल में होमगार्ड के जवान त्रृषि सिंह था, जो सब कुछ अपराधियों को बताया करता था.
अमन ने इसके अलावा एक आरक्षी का भी नाम लिया है, जो सीधे सूचना दिया करता था. बड़कागांव थाना से फरार मामले की जांच कर रही एजेंसी के समक्ष पूछताछ के दौरान अमन साहू ने यह खुलासा किया है कि जिस समय अमन से पूछताछ की जा रही थी उस समय कई सीनियर आईपीएस अधिकारी भी थे, साथ ही जूनियर अधिकारियों की टीम थी.
अमन बार-बार कह रहा था कि अगर पुलिस से उसे सूचना नहीं मिलती तो वह पहले ही पकड़ा जा चुका होता. अमन के दिए बयान के आधार पर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है.
कई निजी व्यक्तियों के खिलाफ भी कार्रवाई की अनुशंसा की गई है, जो पुलिस और अपराधियों के बीच माध्यम बने हुए थे. एजेंसी ने इस संबंध में पूरी जानकारी से पुलिस मुख्यालय को अवगत कराते हुए कार्यवाही की अनुशंसा की है.