प्राक्कलन समिति की बैठक में नहीं हुए थे शामिल
भवन निर्माण सचिव की भी चेतावनी, दिया अंतिम मौका
रांची:- झारखंड विधानसभा की प्राक्कलन समिति ने रामगढ़ एवं देवघर के उपायुक्त के पिछले तीन बैठकों में नहीं आने को गंभीरता से लिया है. इसे लेकर समिति ने दोनों उपायुक्तों से स्पष्टीकरण मांगा है. कहा है कि यह सदन का अवमानना है और क्यों नहीं इन दोनों के विरुद्ध अवमानना का मामला मानते हुए इसे विशेषाधिकार समिति में लाया जाए. उपायुक्तों ने न केवल बैठक में नहीं आने की सूचना नहीं दी, बल्कि अपने किसी प्रतिनिधि को भी भेजना मुनासिब समझा.
साथ ही प्राक्कलन समिति ने विधानसभा निर्माण में हुई अनियमितता को लेकर भवन निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार के भी समिति के समक्ष उपस्थित नहीं होने को गंभीरता से लिया है और उन्हें अंतिम मौका देते हुए 2 दिसंबर तक प्रतिवेदन के साथ बैठक में तलब किया है. समिति के अध्यक्ष दीपक बिरुआ ने बताया कि गत 4 नवंबर को समिति की हुई बैठक में भवन निर्माण सचिव ने स्वयं नहीं आ कर संयुक्त सचिव को भेज दिया था. उन्होंने बताया कि रामगढ़ एवं देवघर उपायुक्त को मुख्य सचिव ने भी समिति की बैठक में उपस्थित होने का निर्देश दिया था. इसके बावजूद दोनों उपायुक्तों ने बैठक में आना जरूरी नहीं समझा. समिति ने इसे गंभीरता से लिया है.प्राक्कलन समिति की बैठक में विधायक बैजनाथ राम, नारायण दास एवं डॉ. लंबोदर महतो भी शामिल हुए.