रांची: झारखंड विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में रांची विधानसभा क्षेत्र में चुनाव होना है. इस सीट पर 12 दिसंबर को मतदान होगा. बीते तीन दशक से यह भारतीय जनता पार्टी का अभेद किला रहा है. इसे भेदने की हर दल की कोशिश अब तक नाकाम रही है.
इस चुनाव में एक बार फिर किले को भेदने की कोशिश तमाम दलों की ओर से किया जा रहा है. इस बार गठबंधन के तहत सिर्फ झामुमो के प्रत्याशी मैदान में है. सरकार में सहयोगी रही आजसू पार्टी ने भी उम्मीदवार उतारे हैं.
सबसे अधिक परेशानी एक व्यापारी के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में खड़े हो जाने से है. इससे भाजपा के परंपरागत वोट के बिखर जाने की आशंका जताई जा रही है. हालांकि झामुमो की नेत्री के आजसू के टिकट पर खड़े हो जाने से उसे भी भीतरघात हो सकता है.
ये हैं प्रत्याशी
भाजपा से सीपी सिंह, झामुमो से डॉ महुआ माझी, बीएसपी से नेहा सोनी, आजसू से वर्षा गाड़ी, एआईटीएमसी से राजेश कुमार पांडे, जेवीएम से सुनील कुमार गुप्ता, राष्ट्रीय महिला पार्टी से ज्योति भेंगरा, एलजेपी से दिनेश सोनी, आम आदमी पार्टी से राजन कुमार सिंह, जदयू से संजय सहाय, निर्दलीय इफ्तेखार हसन खां और पवन शर्मा.
यह रही सीट की स्थिति
वर्ष 1990 में हुए चुनाव के बाद से यह सीट बीजेपी के पास है. वर्ष 1990 में बीजेपी के गुलशन लाल आजमानी ने इस सीट पर पर जीत दर्ज की.
वर्ष 1995 में हुए चुनाव में इस सीट से बीजेपी ने यशवंत सिन्हा को प्रत्याशी बनाया. एक साल बाद ही वे राज्यसभा चले गए और 1996 में यहां उपचुनाव हुआ.
बीजेपी ने इस चुनाव में सीपी सिंह को पहली बार उतारा. वे जीते भी. इसके बाद से अब तक इस सीट से वे जीत दर्ज करते आ रहे हैं. अपने चुनावी कैरियर में सीपी सिंह विधानसभा अध्यक्ष से लेकर केंद्रीय मंत्री तक रहे.