पत्नी भी करती थी सहयोग
रांची : झारखंड की बेटियों को दिल्ली में बेचनेवाले मानव तस्कर रवींद्र राठी उर्फ आकाश राठी को एजेसी एसके पांडे की अदालत ने 14 साल सश्रम जेल की सजा सुनायी है. रवींद्र राठी पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.
जुर्माना नहीं देने पर एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी
अदालत ने की राशि पीड़िता को मुआवजे के तौर पर देने का निर्देश दिया है. हरियाणा निवासी रवींद्र राठी को 20 जुलाई को आइपीसी की धारा 370 (मानव तस्करी) के आरोप में दोषी करार दिया गया था. अभियोजन की अोर से मामले की पैरवी करने वाले एपीपी एके राय ने कहा कि धुर्वा तुपुदाना में राठी के खिलाफ नाबालिग पीड़िता के पिता ने 28 मई 2013 को मामला दर्ज कराया था. राठी ने 17 वर्षीय किशोरी को दिल्ली में ले जाकर बेच दिया था.
वह गुडविल प्लेसमेंट सर्विस निहाल विहार नागलोई नयी दिल्ली का संचालक था
प्लेसमेंट एजेंसी के जरिये झारखंड की लड़कियों को अवैध तरीके से दिल्ली ले जाकर बेच दिया जाता था. अनुसंधान के क्रम में पता चला कि राठी पहले भी कई लड़कियों को दिल्ली ले जाकर बेच चुका था. वह लड़कियों को उनके काम के पैसे भी नहीं देता था अौर घरवालों से भी बात नहीं करने देता था. मानव तस्करी के इस अपराध में उसकी पत्नी मेरी फुलकेरिया तिरू भी सहयोगी है. वह फिलहाल फरार चल रही है. अभियोजन की अोर से मामले में नौ गवाही करायी गयी थी.
30 को एक अौर मामले में होगी गवाही :
रवींद्र राठी के खिलाफ रांची में तीन विभिन्न मामले दर्ज हैं. दो अौर मामले में ट्रायल जारी है. 30 जुलाई को एक अौर मामले में उसके खिलाफ गवाही दर्ज होगी.