मुंबई: कोरोना महामारी के चलते दुनियाभर में चरमराई आर्थिक गतिविधियों के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने देश के म्यूचुअल फंड को तरलता के संकट के दौर में बड़ी राहत दी है.
आरबीआई ने सोमवार को एक बड़े फैसले का ऐलान किया जिसके तहत म्यूचुअल फंड को 50,000 करोड़ रुपये की विशेष तरलता सुविधा यानी स्पेशल लिक्विडिटी फैसिलिटी प्रदान की गई है.
आरबीआई ने एक बयान में कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पर केंद्रीय बैंक की नजर है और कोविड-19 के आर्थिक असर को कम करने के लिए जरूरी उपाय किए जाएंगे ताकि वित्तीय स्थिरता कायम रहे.
म्यूचुअल फंड को दी जाने वाली यह राहत सोमवार यानी 27 अप्रैल से लेकर आगे 11 मई तक लागू रहेगी. आरबीआई के बयान के मुताबिक म्यूचुअल फंड को दी जाने वाली सुविधा को यह फंड अगर इस अवधि से पहले ही समाप्त हो जाता है तो इसे निर्धारित तिथि से पहले ही खत्म माना जाएगा.
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि वह निर्धारित रेपो रेट पर 90 दिनों की अवधि के दौरान रेपो का संचालन करेगा.
मालूम हो कि बीते सप्ताह ग्लोबल इन्वेस्टमेंट कंपनी फैंकलिन टेंपलटन ने छह म्यूचुअल फंड स्कीम को बंद कर दिया जिससे म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों की चिंता बढ़ गई थी.