रांची: दूध की डिमांड घट गई है. झारखंड मिल्क फेडरेशन के पास दूध का पर्याप्त स्टॉक है. इसके कारण फेडरेशन कल से तीन दिनों तक उत्पादकों से दूध नहीं खरीदेगा. इस संबंध में उसने उत्पादकों को पत्र लिखकर सूचित किया है.
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फेडरेशन के मुताबिक, 22 मार्च से उससे प्रतिदिन मात्र 35,000 लीटर दूध की मांग हो रही है. इसके कारण 27 मार्च से 29 मार्च तक झारखंड मिल्क फेडरेशन दुग्ध उत्पादकों से दूध खरीदने में सक्षम नहीं होगा.
उसने कहा है कि कोरोना के कारण लॉकडाउन की स्थिति में बाजार में दूध की मांग में भारी कमी आयी है. फेडरेशन की डेयरी में 4 लाख लीटर दूध जमा हो चुके हैं. ऐसे में अब 29 मार्च तक किसी भी दुग्ध उत्पादक से दूध लेने का काम नहीं किया जायेगा.
फेडरेशन ने बताया है कि 14 अप्रैल तक देश में सम्पूर्ण लॉकडाउन किया जा चुका है. इसके फलस्वरूप दूध की मांग में व्यापक कमी आयी है.
22 मार्च के जनता कर्फ्यू के बाद से औसतन 35 हजार लीटर दूध की मांग प्राप्त हो रही है, जबकि औसत दूध खरीदी इस दौरान लगभग 1.35 लाख लीटर प्रतिदिन की हो रही है.
डेयरियों में 4 लाख लीटर से अधिक दूध जमा हैं. दूध से भरे टैंकर भी प्लांट में खड़े हैं. कोई भी दूसरी डेयरी कहीं से दूध नहीं खरीद रही है.
उनके द्वारा अपना दूध या तो कम कर दिया गया है या फिर संकलन कार्य ही रोक दिया गया है. रांची के प्राइवेट पाउडर प्लांट, बिहार फेडरेशन के पाउडर प्लांट भी अपना दूध संभालने में परेशानी महसूस कर रहे हैं.
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फेडरेशन के एमडी ने सभी दूध उत्पादकों के साथ जेएमएफ के जीएम, सभी ग्रुप प्रमुख और हब इंचार्ज को लिखे पत्र में कहा है कि 29 मार्च को शाम तक सभी दूध संकलन केन्द्रों से दुग्ध संकलन स्थगित रखा जाये.
इस दौरान दूध खरीदी की गयी तो 27 मार्च से 29 मार्च की अवधि के लिए संग्रहण का कोई भुगतान नहीं किया जायेगा.