रांची: सामाजिक कार्यकर्ता व बुद्धिजीवी स्टेन स्वामी को रिहा करने की मांग को लेकर आज प्रातः दस बजे से शाम चार बजे तक बिरसा समाधि पर सामाजिक, सांस्कृतिक व राजनीतिक संगठनों द्वारा अनशन किया गया.
स्टेन स्वामी बिरसा मुण्डा के विरासत को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं. जल जंगल जमीन पर हमला बढ़ता जा रहा है. राज्य की स्वत्तायता के विरूद्ध केंद्र सरकार काम कर रही है.
अनशनकारियों की मांग है:
* राज्य की स्वत्तायता को बनाए रखने के लिए राज्य सरकार केन्द्र सरकार को पत्र लिखे और स्टेन स्वामी को रिहा कराने के लिए त्वरित कार्रवाई करे
* भीमा कोरेगांव के केस मे फर्जी तरीके से फंसाये गए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं- वकीलों पर से मुकदमा वापस हो.
* यूएपीए रद्द करो, एनआईए एव सुरक्षा कानूनों का दुरुपयोग करना बंद करो.
* एनआईए के बारे में झारखंड सरकार सुस्पष्ट स्टैंड ले जैसा पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ व केरल ने लिया है.
अनशनकरियों में शामिल थे- आलोका कुजूर, भुनेश्वर केवट, कुमार विनोद, नदीम खान, सिराज दत्ता, इबरार अहमद, फ़ादर महेंद्र पीटर तिग्गा, रतन तिर्की, प्रभाकर तिर्की, दामोदर तुरी, अजीता, प्रभा लकड़ा, आईटी तिर्की, खुसनी सेन, नंदिता भट्टाचार्या, स्वाति नारायण, सुशांतो, प्रवीर पीटर, पीटर मार्टिन, उमेश नजीर, श्याम, सूरज श्रीवास्तव, रिसित, अंटोनी पीएम, बुद्धन सिंह सिंकू आदि.
जिन संगठनों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में भूमिका निभाई उसमें शामिल हैं- सीपीआई एमएल, जनमुक्ति संघर्ष वाहिनी, ओमेन महिला संगठन, इप्टा, आईसा, एपीआईडब्लूए, एआईसीसीटीयू,एआईपीएफ,सांझा मंच, झाररवंड छात्र संघ, कांग्रेस, एआईयीएफ, एआईटीयूसी, राईट फॉर फूड कैंपेन, झाररवंड जनाधिकार महासभा, झलक, संगम, सामाजिक सांस्कृतिक संस्था,इंड़ीजेनस विमेन इंडिया नेटवर्क, एनएपीएम आदि.
सभी सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक संगठनों से स्टैन के पक्ष में आने की अपील करते है और अनशन कार्यक्रम के दौरान यह तय किया गया कि यह प्रतिरोध कार्यक्रम बिरसा मुंडा समाधि स्थल, रांची में जारी रहेगा.