दिल्ली: रिलायंस जियो ने अत्याधुनिक 5जी प्रौद्योगिकी के परीक्षण को लेकर दूरसंचार विभाग से कुछ खास फ्रीक्वेंसी वाले स्पेक्ट्रम की मांग की है. कंपनी की अमेरिका स्थित पूर्ण अनुषंगी इकाई रेडिसिस विदेशी कंपनियों को कुछ 5जी सामाधानों की बिक्री भी शुरू कर दी है.
सूत्रों के अनुसार रिलायंस जियो ने दिल्ली और मुंबई जैसे शहरी केंद्रों में परीक्षण के लिए 17 जुलाई को 26 गीगाहर्ट्ज (जीएचजेड) और 24 गीगाहर्ट्ज बैंड में 800 गीगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी के साथ 3.5 गीगाहर्ट्ज बैंड में 100 मेगाहर्ट्ज फ्रीक्वेंसी की मांग की.
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ‘जियो ने कहा कि अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जापान, कनाडा और ब्रिटेन जैसे विकसित देशों में उपयोग के लिये उच्च फ्रीक्वेंसी को रखा गया है. कंपनी चाहती है कि भारत को इस मामले में आत्मनिर्भर बनाने के लिए इन बैंड मे देश में परीक्षण शुरू होना चाहिए. सरकार सुझाव और परीक्षण के लिए तैयार है. कई परीक्षण पहले से जारी हैं.’
कंपनी ने 26.5 – 29.5 गीगाहर्ट्ज और 24.25-27.5 गीगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम फ्रीक्वेंसी की मांग की है. इस उच्च फ्रीक्वेंसी बैंड की नीलामी अगले साल होने की संभावना है. कंपनी ने यह भी कहा है कि वह 5जी प्रौद्योगिकी को दूसरे देशों में बेचने से पहले इसका परीक्षण चाहती है.
रिलांयस इंडस्ट्रीज की 43वीं सालाना आम बैठक में मुकेश अंबानी ने कहा था कि जियो ने 5जी समाधान विकसित किया है. रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने बताया था कि लॉकडाउन के दौरान रिलायंस जियो ने इंटरनेट के मामले में देश के लोगों की काफी मदद की. अंबानी ने बताया कि जियो 20 से अधिक स्टार्टअप के साथ 5जी और 4जी नेटवर्क के लिए काम कर रही है. मुकेश अंबानी ने बताया कि लॉन्चिंग के महज कुछ ही दिनों में जियोमीट एप को 50 लाख से अधिक लोगों ने डाउनलोड किया है.
जियो ने 5जी नेटवर्क तैयार कर लिया है. सरकार की निलामी के बाद कंपनी की 5जी सेवा शुरू हो जाएगी. कंपनी का दावा है कि 5जी नेटवर्क में पूरी तरह से घरेलू उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा जियो की 5जी सर्विस दुनिया में नंबर होगी. अंबानी ने बताया कि 4जी से 5जी में अपग्रेड करना काफी आसान है. इसके लिए उन्होंने आईपी (इंटरनेट प्रोटोकॉल) नेटवर्क आर्किटेक्ट का शुक्रिया अदा किया.