रांची:- सोमवार को सुबह 4 बजे रांची के सुप्रसिद्ध समाजसेवी ज्ञान प्रकाश बुधिया जी उर्फ ज्ञानू बाबू (सुपुत्र स्व गंगा प्रसाद बुधिया उम्र 80 वर्ष) का निधन हृदय गति रुक जाने से उनके कांके रोड स्थित निवास में हो गया. ये जगरनाथपुर मंदिर पुनर्निर्माण समिति, गंगा प्रसाद बुधिया सरस्वती विद्या मंदिर, मोराबादी, के अध्यक्ष और रांची गौशाला न्यास के चेयरमैन, जडिया देवी बुधिया ट्रस्ट, मानव सेवा संघ-वृंदावन के ट्रस्टी थे. लगभग 35 वर्षों पूर्व जब जगरनाथपुर मंदिर का मुख्य इमारत ढह गया था तब मंदिर के प्रमुख सेवक ठाकुर राधे श्याम शाहदेव जी ने इनसे अनुरोध करके पुनर्निर्माण समिति के अध्यक्ष का दायित्व सौंपा. इन्होंने तन, मन, धन और समाज से सहयोग लेकर जगरनाथ स्वामी जी के मंदिर के पुनर्निर्माण के कार्य को सफलतापूर्वक करवाने का कार्य प्रभु की दी हुई शक्ति से किया. स्मरणीय है कि झारखंड में जब भी शिक्षा के विकास की बात होती है स्व गंगा प्रसाद बुधिया जी का नाम सबसे अधिक आदर के साथ लिया जाता है. गंगा बाबू ने मारवाड़ी उच्च विद्यालय, विकास विद्यालय, बीआइटी मेसरा, मारवाड़ी कॉलेज जैसी अनेकों संस्थाएं खड़ी करने में प्रमुख भूमिका निभाई. उनके पुत्र होने के नाते उनकी मृत्यु के पश्चात ज्ञानू बाबू ने उनके नाम से स्कूल बनाने का प्रण लिया जो आज गंगा प्रसाद बुधिया सरस्वती विद्या मंदिर-मोराबादी के रूप में समाज की सेवा कर रहा है. रांची गौशाला की स्थापना में ज्ञानू बाबू के दादा स्व गणपत राय बुधिया जी का उल्लेखनीय योगदान रहा उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र स्व गंगा प्रसाद बुधिया जी ने कमान संभाली उनके बाद ज्ञानू बाबू बुधिया जी ने कमान संभाली. २७ वर्षों से ये गौशाला के ट्रस्टी एवं विगत ९ वर्षों से ट्रस्ट बोर्ड के चेयरमैन का दायित्व तन, मन, धन से किया. कोविड़ के गाइडलाइन का पालन करते हुए आज मुक्ति धाम में उनका दाह संस्कार कर दिया गया. निवास स्थान पर विद्या विकास समिति के अध्यक्ष रामावतार नारसरिया, स्कूल के प्राचार्य विनय जी, न्यायमूर्ति रमेश मेरठिया जी, जगरनाथपुर मंदिर के सचिव चंद्रकांत रायपात, प्रबंधक मनोज तिवारी जी, गौशाला प्रबंधक शत्रुघ्न सिंह, कर्मचारी इत्यादि लोगो ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. भारी संख्या में लोगों ने मोबाइल पर भी संवेदना प्रकट की. उनके एकमात्र पुत्र नीरज बुधिया ने मुखाग्नि दी. एक पुत्र के अलावा उनकी एक पुत्री, दामाद , दो नतनी और पत्नी है. घाट पर डॉ एस सी जैन सहित परिवार के सदस्य उपस्थित थे.