कोलकाता: आईआईटी खड़गपुर के शोधकर्ताओं ने एक सूक्ष्म सूई विकसित की है, जिसकी सहायता से बिना किसी दर्द के मरीज को दवा दी जा सकेगी . यानि कि बड़ी दवा के अणुओं को आसानी से सूई के जरिए दिया जा सकेगा. संस्थान के इलेक्ट्रॉनिक और इलेक्ट्रिकल कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग के विभाग ने ना सिर्फ सूक्ष्म सूई के व्यास के आकार को कम किया, साथ ही उसकी मजबूती भी बढ़ा दी ताकि त्वचा में चुभने के दौरान सूई (नीडल) टूट ना जाए.संस्थान ने शनिवार को अपने एक बयान में इस बात की जानकारी दी.
भविष्य में इस सूक्ष्म सूई को कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
इस शोध के मुख्य शोधकर्ता प्रोफेसर तरूण कांति भट्टाचार्य का कहना है कि इसका इस्तेमाल लसीका प्रणाली इंसुलिन वितरण या किसी बीमारी के लिए मेडिकेशन के लिए किया जा सकता है, इसमें कैंसर के कुछ प्रकार और कोविड-19 वैक्सीन भी शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि हमने उच्च शक्ति ग्लास कार्बन माइक्रोनीडल तैयार की है, जो त्वचा प्रतिरोधी बलों का सामना कर सकता है. इस सूक्ष्म सूई की डिजाइनिंग आयनिक पॉलिमर मेटल कम्पोजिट मेम्ब्रेन आधारित माइक्रोपम्प की है, जो नियंत्रित और सटीक तरीके से दवा के अणुओं के प्रवाह दर को बढ़ाती है.
उन्होंने कहा कि इस प्रयोग में कई तरह के रिसर्च और डेवलेपट कार्य किए गए हैं, जिसके बाद एक बेहतर सूक्ष्म सूई को बनाया गया. इस सूक्ष्म सूई की मदद से मरीज के शरीर में आसानी से दवा का प्रवाह किया जा सकता है, इसमें मरीज को बिना किसी दर्द के दवा दी जाएगी.
उन्होंने बताया कि इस डिवाइस को जानवरों पर इस्तेमाल कर लिया गया है, इसका परीक्षण सफल रहा है. शोधकर्ताओं ने भारत में इसके पेटेंट के लिए आवेदन कर दिया है और इस शोध को आईईईई और नेचर जर्नल में भी पब्लिश कर दिया है. शोधकर्ताओं को इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक और आईटी मंत्रालय से फंड मिला था.