नई दिल्ली:नए कृषि कानून को लेकर सरकार और किसान संगठनों के बीच टकराव जारी है. एक तरफ जहां किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं, वहीं दूसरी ओर सरकार किसानों से 6 दौर की वार्ता के बाद बिल में संशोधन के लिए तैयार है. जबकि किसानों की मांग है कि बिल को पूरी तरह से निरस्त कर दिया जाना चाहिए. दिल्ली बॉर्डर पर पिछले 20 दिनों से डेरा जमाए किसान और सरकार की इस जंग में बुधवार का दिन अहम हो सकता है.
किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने केंद्र सरकार और किसानों को सलाह दी है कि राष्ट्रीय महत्व के मसले को आपस में सहमति से सुलझया जाए. दायर याचिका में कहा गया था कि लोगों के इकट्ठा होने से कोरोना के संक्रमण का खतरा बढ़ेगा. याचिका में आगे कहा गया कि लोगों को हटाना आवश्यक है, क्योंकि इससे सड़कें ब्लॉक हो रही हैं. इमरजेंसी और मेडिकल सर्विस भी बाधित हो रही है. यह याचिका लॉ की पढ़ाई कर रहे ऋषभ शर्मा ने दायर की है.
चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामसुब्रमण्यम की बेंच ने मामले की सुनवाई की. सिंघूऔर टिकरी बार्डर की तरह अब चिल्ला बार्डर और यूपी गेट पुरी जाम होगा. इस बात की चेतावनी किसान संगठनों ने दी है.