दिल्ली: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लिया. उन्होंने इस दौरान अन्य देशों से कहा कि वे अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करें और साझेदारों के वैध हितों को पहचाने.
चीन के विदेश मंत्री वांग यी और रूस के अपने समकक्षीय सर्गेई लावरोव के साथ बातचीत के दौरान एस. जयशंकर ने दुनिया के शक्तिशाली देशों से कहा कि वे हर मायने में उदाहरण पेश करें.
भारत-चीन सीमा विवाद का बिना जिक्र किए विदेश मंत्री ने अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून का सम्मान करना चाहिए और साझेदारों के वैध हितों की पहचान करे.
जयशंकर ने जोर देते हुए कहा कि बहुपक्षवाद का समर्थन करना और सामान्य अच्छी चीजों को बढ़ावा देना ही वैश्विक व्यवस्था को टिकाऊ बनाने का एक मात्र रास्ता है.
उन्होंने कहा, विशेष बैठक अंतरराष्ट्रीय संबंधों में विश्वास के सिद्धांतों को दर्शाता है. लेकिन आज चुनौती अवधारणाओं और मानदंडों की नहीं बल्कि उनके व्यवहार की है.
पूर्वी लद्दाख के वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत और चीन के बीच बढ़ते तनाव के बीच यह बैठक हुई है. हालांकि, पहले से ही ऐसी रिपोर्ट है कि भारत-चीन सीमा विवाद को इस वार्ता के दौरान नहीं रखा जाएगा.
इस बैठक में कोरोना वायरस को लेकर पैदा हुआ वैश्विक हालात, क्षेत्रीय मुद्दों को लेकर आपसी चिंता, वैश्विक चुनौतियां जैसे आतंकवाद और त्रिपक्षीय संबंधों पर चर्चा की उम्मीद थी.