रांची: हेमंत सरकार ने पिछले एक सप्ताह में आयोग में खाली पड़े पदों को भरने के लिए दो अहम निर्णय लिये. इस निर्णय से हेमंत सरकार से आस लगाये बैठे कई रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स को धक्का लगा. हालांकि अब भी उनकी आस बंधी हुई है. अभी कम से कम तीन आयोग में उनके लिए पद पाने के रास्ते खुले हुए हैं.
इन पदों को भरा गया
सरकार ने झारखंड लोक सेवा आयोग और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के अध्यक्ष पद को भर दिया. जेपीएससी का अध्यक्ष पूर्व डीआईजी अमिताभ चौधरी को बनाया. इसका आदेश बीते 28 अक्तूबर को जारी किया गया. इसी तरह झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की जिम्मेवारी पूर्व मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी को सौंपी जा रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नियुक्ति से संबंधित प्रस्ताव को 4 नवंबर को मंजूरी दी.
अध्यक्षविहीन तीन आयोग
वर्तमान में तीन आयोग में अध्यक्ष के पद खाली हैं. इसमें विद्युत नियामक आयोग, राज्य सूचना आयोग और राज्य निर्वाचन आयोग शामिल हैं. इन तीनों पर आम तौर पर रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स को ही जिम्मेवारी दी जाती रही है. सूचना आयोग में सूचना आयुक्त के पद भी खाली हैं.
सबकी किस्मत ऐसी नहीं
पूर्व मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी के झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त होने पर रेस में खड़े कई रिटायर ब्यूरोक्रेट्स का कहना है कि सबकी किस्मत ऐसी नहीं होती है. जानकारी हो कि मुख्य सचिव रहते हुए त्रिपाठी को दो बार एक्सटेंशन मिला था. वहां से हटते ही रघुवर सरकार ने उन्हें जेपीएससी का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था. वहां कार्यकाल पूरा होने के कुछ दिन बाद ही सीएम हेमंत सोरेन ने त्रिपाठी को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग का अध्यक्ष बनाने की सहमति दे दी.
रेस में हैं कई पूर्व अफसर
मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्त के पद पर नियुक्ति की रेस में कई पूर्व प्रशासनिक अधिकारी भी हैं. जानकारी के मुताबिक, सूचना आयुक्त के पदों पर नियुक्ति के लिए 354 लोगों ने आवेदन दिया है. इसी तरह मुख्य सूचना आयुक्त के पद के लिए 63 लोगों ने आवेदन किया है.
मई से पूरी तरह ठप पड़ा
वर्तमान में आयोग में सूचना आयुक्त और मुख्य सूचना आयुक्त के सभी का पद पूरी तरह रिक्त है. हाल तक केवल एक सूचना आयुक्त सह प्रभारी मुख्य सूचना आयुक्त के सहारे यह आयोग संचालित हो रहा था. बीते 8 मई, 2020 से प्रभारी सूचना आयुक्त का कार्यकाल समाप्त हो जाने के बाद सूचना आयोग पूरी तरह आयुक्त विहीन हो गया है.
फंसा है बड़ा पेंच
मुख्य सूचना आयुक्त के खाली पड़े पदों पर नियुक्ति के लिए बड़ा पेंच फंसा है. इन पदों पर नियुक्ति के लिए नेता प्रतिपक्ष का होना जरूरी है. तीन सदस्यीय नियुक्ति समिति में वे भी हैं. अभी तक विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष को मान्यता नहीं मिली है. ऐसे में नियुक्ति होना संभव नहीं है. हालांकि अन्य आयोग के लिए नेता प्रतिपक्ष के होने की बाध्यता नहीं है.
तीन साल के लिए नियुक्ति
मुख्य सूचना आयुक्त या राज्य सूचना आयुक्त के पद पर तीन साल की अवधि के लिए नियुक्ति होगी. 65 साल पूरा कर लेने पर चयनित आवेदक का कार्यकाल खत्म हो जाएगा. पदधारण करने की तिथि से अवधि की गणना होगी. चयनित आवेदक पुनर्नियुक्ति के लिए पात्र नहीं होंगे. इस दौरान उन्हें 2.25 लाख रुपये प्रतिमाह और अन्य अनुमान्य भत्तों का भुगतान किया जाएगा.
लंबित पड़े हैं अपील
मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों का पद रिक्त होने के कारण हजारों अपीलवाद लंबित पड़े हैं. जानकारी के मुताबिक आयोग में 7669 से अधिक अपीलवाद लंबित हैं. अपीलवाद और शिकायतवाद से संबंधित 995 से अधिक आवेदन लंबित हैं. आवेदकों को सही सूचना नहीं मिलने पर उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें.
इन पदों पर हुई नियुक्ति
झारखंड लोक सेवा आयोग
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग
ये पद हैं खाली
विद्युत नियामक आयोग
राज्य सूचना आयोग
राज्य निर्वाचन आयोग