चतरा: केंद्र व राज्य सरकारें कोरोना वायरस की नजाकत को देखते हुए कई मोर्चों पर कमान संभालते हुए इस वैश्विक महामारी से निपटने के लिए विभिन्न स्तरों पर कई सराहनीय प्रयासों में जुटी हुई है. इसी कड़ी में देश के प्रवासी मजदूरों तथा छात्रों को घर वापसी की एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया भी जोरों पर है. जिसकी सर्वत्र प्रशंसा की जा रही है. दूसरी तरफ जिला प्रशासन के साथ-साथ कई जनप्रतिनिधि व सामाजिक संस्थाएं भी इस विपदा की घड़ी में अपने-अपने स्तरों से इस विनाशकारी महामारी की जंग में कूद पड़े हैं किंतु चतरा में एक जनप्रतिनिधि मुखिया द्वारा एक ऐसी चौंकाने वाली घटना अंजाम दिया गया है कि इसकी सर्वत्र निंदा की जा रही है.
दरअसल चतरा जिले के प्रतापपुर प्रखंड कार्यालय में एक मुखिया की गुंडागर्दी सामने आई है. अपनी बात नहीं मानने पर घोरीघाट मुखिया और उसके समर्थकों ने प्रवासी मजदूरों को लेकर प्रतापपुर पहुंची जिला प्रशासन के बस पर हमला बोलते हुए गाड़ी को क्षतिग्रस्त कर उसके शीशे तोड़ दिए.
इस दौरान मुखिया के इशारे पर उसके समर्थकों ने बस के चालक और खलासी के साथ गाली गलौज व बदसलूकी भी की. जिसके बाद बस ऑनर एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अनुमंडल पदाधिकारी सह जिला परिवहन पदाधिकारी राजीव कुमार से मुलाकात कर आरोपी मुखिया के विरुद्ध अविलंब कार्रवाई की मांग की है. जिसके बाद एसडीओ ने भी प्रतापपुर बीडीओ को मामले में कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
दरअसल गुजरात के सूरत में फंसे लगभग 60 प्रवासी मजदूरों को वापस लेकर जिला प्रशासन की पहल पर निजी यात्री बस बरकाकाना स्टेशन से मंगलवार शाम प्रतापपुर प्रखंड कार्यालय स्थित कलस्टर पहुंची थी. यहां प्रवासी मजदूरों को उतारकर बस जैसे ही वहां से निकलने वाली थी कि घोरीघाट पंचायत के मुखिया हिजबुल रहमान मौके पर पहुंच गए और बस चालक को गाड़ी लेकर घोरीघाट चलने को कहा. जिसके बाद बस चालक शिव यादव ने मुखिया को बगैर अधिकारियों के निर्देश कहीं भी जाने से इंकार कर दिया. इससे मुखिया आग बबूला हो गए और उन्होंने गाली-गलौज शुरू कर दी. वहीं अपने समर्थकों से गाड़ी पर पत्थरबाजी भी करवाई गई. जिससे गाड़ी क्षतिग्रस्त हो गई और उसके शीशे आदि भी टूट गए. इसके बाद चालक ने घटना की जानकारी बस मालिक को दी.
इधर घटना की सूचना मिलते ही बस मालिक व बस ऑनर एसोसिएशन के पदाधिकारीगण डीटीओ कार्यालय पहुंचे और मुखिया की शिकायत करते हुए उनके विरुद्ध अविलंब कठोर कार्रवाई की मांग की. वहीं मामला बढ़ता देख मुखिया और उसके समर्थक मौके से फरार हो गए. बस मालिक ने मामले में प्रतापपुर पुलिस पर लापरवाही बरतते हुए मुखिया को बचाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि जब जिला प्रशासन के निर्देश पर बस मालिक अपनी बसों को भेज रहे हैं तो फिर किसी भी घटना की जिम्मेवारी जिला प्रशासन को ही लेनी होगी. हालांकि इस पूरे मामले में जिला प्रशासन और पुलिस के कोई भी पदाधिकारी कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं, लेकिन कार्रवाई की बात जरूर कर रहे हैं.