-
पगडंडी सड़क पर जाने को मजबूर है ग्रामीण
विनय गुप्ता,
चतरा (कुंदा): कुंदा प्रखंड मुख्याल से महज 3 किलोमीटर की दूरी पर सरैडीह गांव बसा है. जहां कई मूलभूत सुविधाओं से ग्रामीण वंचित है.
आजादी के 73 साल बाद भी इस गांव तक जाने की अभी तक सड़क नहीं बनी है. यह बहुत बड़ी दुर्भाग्य की बात है. सिर्फ विकास के नाम पर खानापूर्ति की गई.
Also Read This: कमलनाथ ने कहा, कई जीतते हुए को हारते देखा है
विभाग ग्राम स्वराज से जोड़ने की बात करती है. मुख्य सड़क से मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर गांव बसा है. जहां पगडंडियों का सहारा लेकर ग्रामीण जाने को मजबूर है.
बरसात के दिनों में यह गांव बस एक टापू बन कर रह जाती है. इस गांव में कुल घरों की संख्या लगभग 60 है. जिसकी आबादी लगभग ढाई- सौ बताई है.
ग्रामीण रविकांत सिन्हा ने बताया कि सड़क बनाने को लेकर कई बार विभाग को जानकारी दी गई है. इसके बावजूद भी आज तक इस गांव तक आने-जाने की सड़क नहीं है.
Also Read This: कोल आपूर्ति मामले में अडाणी, वेदांता सहित 25 कंपनियों पर CBI ने किया केस दर्ज
इस बात पर मुखिया रेखा देवी ने बताया कि इस गांव को में पगडंडियों के सहारा लेकर जाना पड़ता है, क्योंकि सड़क रैयती भूमि में है जो कि ग्रमीण सड़क बनने नहीं देते. जिसकी वजह से सड़क अब तक नहीं बनी है. सड़क बनने के लिए जगह दी जाती तो पीसीसी मिट्टी मोरम बना दिए जाते.