उत्तर प्रदेश: मैनपुरी जनपद में बेसिक शिक्षा विभाग से 105 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया था. लेकिन विभाग उन सभी शिक्षकों से लगभग 47 करोड़ रुपये की वसूली करेगा. साथ ही इनके विरुद्ध थाने में रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाएगी. दरअसल महानिदेशक विजय किरन आनंद ने बेसिक शिक्षा अधिकारी मैनपुरी को पत्र भेजकर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
क्योंकि इन शिक्षकों ने फर्जी अंकपत्र लगाकर नौकरी पाई थी, जिसके बाद एसआईटी की जांच में 2017 में 31 और 2019 में 74 शिक्षक फर्जी निकले थे, जिन्हें बाद में बर्खास्त कर दिया गया था.
बताया गया कि 2017 में बर्खास्त होने वाले शिक्षकों के खिलाफ कोतवाली मैनपुरी में रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई थी, लेकिन ढाई साल बीत जाने के बाद अभी तक ना ही किसी फर्जी शिक्षक की गिरफ्तारी हुई और ना ही विभाग अब तक कोई वसूली कर सका.
इसे देखकर अब महानिदेशक शिक्षा विभाग का पत्र आने के बाद शिक्षा विभाग में खलबली मची हुई है.
दरअसल, फर्जी अंक पत्रों के सहारे पिछले 10 साल में सभी शिक्षक लगभग 50- 50 लाख रुपए वेतन और भत्ते के रूप में प्राप्त कर चुके हैं.
बता दें कि 2017 में बर्खास्त हुए 31 शिक्षक 10 करोड़ रुपए का विभाग को चूना लगा चुके हैं. वहीं 2019 में बर्खास्त हुए 74 शिक्षक 37 करोड़ का विभाग का भुगतान ले चुके कुल 105 बर्खास्त शिक्षकों से 47 करोड़ रुपये की अब विभाग वसूली करेगा.
वहीं डॉ भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय से वर्ष 2004-05 में बीएड करने वाले जिले के 78 शिक्षकों को एसआईटी ने फर्जी घोषित किया था.