खास बातें:-
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बजट सत्र की हंगामेदार शुरुआत, कार्यवाही स्थगित
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बाबूलाल मरांडी को नहीं मिला नेता प्रतिपक्ष का दर्जा
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हंगामे के बीच 1216 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश
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कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने मरांडी पर कसा तंज
ब्यूरो चीफ
रांची: झारखंड विधानसभा में शुरू हुए बजट सत्र में कुर्सी पर बवाल मचा हुआ है. सदन में बाबूलाल मरांडी को प्रतिपक्ष के नेता का दर्जा नहीं मिला है. इससे नाराज भाजपा विधायकों ने जमकर हंगामा मचाया. हंगामे के बीच 1216 करोड़ रुपये का का अनुपूरक बजट पेश किया गया. इसके बाद विधानसभा की कार्यवाही 2 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई.
आसन तक पहुंचे भाजपा विधायक
झारखंड विधानसभा का बजट सत्र में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा विधायकों ने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष की सीट पर बैठाने की मांग की. भाजपा सदस्य अपनी बातों को लेकर आसन के निकट आ गये. विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच विधानसभा अध्यक्ष रविंद्रनाथ महतो ने उनसे शांति बनाये रखने की अपील की. कहा कि वे जल्द ही इस मसले पर कानूनविदों की राय लेकर फैसला लेंगे. इसके बावजूद विपक्षी सदस्यों ने वेल में आकर नारेबाजी की.
तृतीय अनुपूरक बजट पेश
विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के बीच ही संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने वित्तीय वर्ष के 2019-20 के लिए 1216 करोड़ रुपये का तृतीय अनुपूरक बजट सभा पटल पर रखा. संसदीय कार्यमंत्री ने पिछले सत्र में सरकार की ओर से सदन में दिये गये आश्वासनों पर कृत कार्रवाई प्रतिवेदन भी सभा पटल पर रखा.
शोक सभा का आयोजन
सत्र के पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष ने पिछले सत्र से अब तक की अवधि में निधन होने वाले राजनेताओं, सामाजिक कार्यकर्त्ताओं और विभिन्न क्षेत्र के दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी गयी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, भाजपा के सीपी सिंह, झारखंड विकास मोर्चा के प्रदीप यादव, आजसू पार्टी के सुदेश महतो, कांग्रेस विधायक दल के नेता और संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम, राजद विधायक सह मंत्री सत्यानंद भोक्ता, भाकपा-माले के विनोद कुमार सिंह, निर्दलीय सरयू राय, अमित कुमार महतो ने भी श्रद्धांजलि दी.
सदन की कार्यवाही स्थगित
मौन रखने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को सोमवार दो मार्च पूर्वाह्न 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
कांग्रेस विधायक ने ली चुटकी
भाजपा में शामिल हुए बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं दिये जाने पर कांग्रेस विधायक इरफान अंसारी ने चुटकी ली है. उन्होंने बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष नहीं स्वीकार किये जाने का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि बजट सत्र में नेता प्रतिपक्ष को स्थान नहीं देकर विधानसभा अध्यक्ष ने सही किया है.
इरफान ने कहा कि बाबूलाल को सदन में नहीं बाहर कुर्सी दी जानी चाहिए. जेवीएम विधायक बंधु तिर्की और प्रदीप यादव को कांग्रेस के स्थान पर कुर्सी दिये जाने पर कहा कि दोनों को भी अलग से सदन में स्थान दिया जाना चाहिए. जामताड़ा विधायक ने कहा कि दोनों विधायक अगर कांग्रेस या बीजेपी में शामिल होते हैं, तो दोनों को इन्हीं के टिकट पर चुनाव लड़कर जीतना चाहिए.
बीजेपी के पास नेता नहीं बचा
बीजेपी में बाबूलाल के शामिल होने के सवाल पर अंसारी ने कहा कि जब मुखिया पर ही आरोप है, तो बाकी दोनों पर क्या कहा जा सकता है ? बाबूलाल के बीजेपी में शामिल होने से साबित हो गया है कि बीजेपी के पास अब अपना नेता बचा नहीं है. बीजेपी तो राज्य में खत्म हो गयी है.
बीजेपी का मुख्यमंत्री ही विधानसभा चुनाव हार गया है, तो बीजेपी बची कहां है. वह तो पूरी तरह से खत्म हो चुकी है. अब बीजेपी वाले जबरदस्ती उन्हें पार्टी में शामिल कराकर नेता प्रतिपक्ष मान लें, तो यह नहीं चलेगा. हर चीज का एक सिस्टम होता है और उसी सिस्टम के तहत विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष को स्थान नहीं दिये जाने का फैसला किया है.