रांची : बारिश शुरू होते ही झारखंड के प्रचलित रुगड़ा और खुखड़ी की बिक्री शुरू हो गई है. इसे स्थानी लोग वेज मटन के नाम से जानते है, कुछ लोग इसे बटन मशरूम भी कहते हैं. इसकी पैदावर झारखंड में अधिक होती है. राजधानी के विभिन्न मंडियो में 400 रुपए किलो की दर से बिक रहा है. जबकि इससे सस्ता चिकन है. कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि यह मशरूम की एक प्रजाति है जो बारिश के दिनों में अधिक उपजता है. शाकाहारी लोग रुगड़ा और खुखड़ी का साल भर इंतजार करते हैं. जून से लेकर अगस्त तक इसकी बिक्री होती है.
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सावन महीने में आमतौर पर नॉनवेज नहीं खाने वाले लोग भी रुगड़ा खाना ज्यादा पसंद करते है. कहा जाता है कि जितनी बरसात होती है, उतना ही अधिक रुगड़ा का उत्पादन होता है. इसमें प्रोटीन और विटामिन भरपूर मौजूद रहता है. इसे काफी जायकेदार बनाया जाता है, जिसमे मटन बनाने के सारे मसाले और अन्य सब्जियां डाली जाती है. रुगड़ा और खुखड़ी बड़े बटन के आकार का दिखता है. ये जंगली इलाकों में अधिक पाया जाता है. ये सखुआ और महुआ पेड़ के निचे लाल और काली मिट्टी में होता है.
लोहरदगा, चतरा, खूंटी, सिमडेगा से रुगड़ा लाकर रांची के मंडियो में विक्रेता इसे बेचते है. विक्रेताओं का कहना है कि इस साल पानी की कमी से रुगड़ा बाजार में नहीं आ रहा है. अब झारखंड के लोग नहीं चख सकेंगे खुखड़ी और रुगड़ा का स्वाद. पिछली बार से इस बार रुगड़ा की कीमत अधिक है.