पटना: इंडिगो के स्टेशन हेड रूपेश हत्याकांड में पटना पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने शूटर समेत तीन लोगों को गिरफ्तारी किया है. रूपेश की हत्या की वजह रोड रेज बताई जा रही है. इंडिगो के स्टेशन हेड रूपेश सिंह की हत्या 12 जनवरी की देर शाम गोली मारकर कर दी गई थी.
मिली जानकारी के अनुसार, शुरुआत में कई बिंदुओं पर जांच की गई. करीब पचास से ज्यादा लोगों से पूछताछ की गई. टेंडर विवाद, पार्किंग विवाद, पर्सनल रिलेशन सभी बिंदुओं पर जांच की गई. शुरुआती जांच में सामने आया था कि दो बाइक अपाचे और पल्सर पर चार लोग सवार थे. सीसीटीवी फुटेज में भी यही बाइक सामने आई थी. पुलिस ने इलाके के सभी सीसीटीवी को ट्रैक किया गया, जिसमें चार दिन लग गए.
पुलिस को सीसीटीवी खंगालने के बाद जानकारी मिली कि अपराधी घटना के बाद आर ब्लॉक रोड से निकले थे, वहां से इंद्रपुरी होकर आशियाना दीघा रोड गए और वहां से बेली रोड पर आए थे. पुनाईचक राजवंशी नगर मंदिर पर अपराधियों ने पहले चाय पी और उसके बाद घटनास्थल पर पहुंचे थे. अपराधी चितकोहरा होकर आए थे. ये सभी फोर्ड हॉस्पिटल के बगल वाली गली से होकर आए थे. 12 दिन बाद तक बहुत कुछ हाथ नहीं लग पाया था.
पुलिस ने बताया कि 200 से ज्यादा कैमरे देखे, 600 जीबी डाटा का फुटेज देखे, 4 हजार से ज्यादा सीडीआर देखे. जिसके बाद मोबाइल के सिम वाले कैफ में लगे फोटो से किलर का हुलिया मिला. हत्या करना वाला आरोपी जियोग्राफी में ग्रेजुएट है और पिछले तीन साल से चोरी के काम में है. इसके घर को लॉकेट किया गया, जहां पर हथियार मिला है. हत्या में प्रयुक्त कपड़ा भी वहां से बरामद किया गया.
खुलासे के अनुसार, नबंवर के महीने में मोटरसाइकिल चोरी करने जा रहा था. वही पर उसकी गाड़ी को एक काले रंग की गाड़ी से टकरा जाती है, जोकि रूपेश की थी. इसके बाद दोनों के बीच बहस भी हुई थी. उस घटना के बाद उसे चार पांच दिन बाद फिर उसे रूपेश की गाड़ी दिखती है. वो बेली रॉड में फिर उसका पीछा करता हैं. उसने दो तीन बार रेकी की. अपराधियो को पता नहीं था कि रूपेश कौन है, उन्हें यही लगा कि कोई बड़े बाप के बेटा है. रूपेश के घरवालों ने भी बताया था कि एक दुर्घटना नवम्बर के महीने में हुई थी.