खूंटी: मुरहू प्रखंड के केवड़ा पंचायत अंतर्गत डमराय गांव में सेवा वेलफेयर सोसाइटी, ग्राम पंचायत और ग्रामसभा के संयुक्त प्रयास से शुक्रवार को दो बोरीबांध बनाये गए और जल्द ही दो और बनाये जाऐंगे.
ग्रामसभा में लिये गए निर्णय के बाद ग्रामीणो ने जंगल के अंदर खाली पड़े खेतों में मनरेगा के तहत बने डोभा से सिंचाई कर गेहूं और टमाटर समेत अन्य सब्जी की खेती प्रारंभ कर दी है.
ग्रामीणों ने इस उम्मीद में खेती शुरू की थी कि वे सोसाईटी की मदद से बोरीबांध बनाऐंगे और फिर डोभा के सूखने के बाद भी सिंचाई के लिए पानी की कमी नहीं होगी.
डमराय गांव के किसान यहां लगभग पंद्रह एकड़ में गेहूं, सब्जी समेत लेमनग्रास और तुलसी की खेती करेंगे. केवड़ा पंचायत के मुखिया ने कहा कि वे सेवा वेलफेयर सोसाईटी की मदद से पूरे पंचायत में 20 से ज्यादा बोरीबांध बनवाऐंगे.
ऐसा कर वे अपने पंचायत में हरित क्रांति लाना चाहते हैं. डमराय गांव के मनसिद्ध हस्सा पुर्ती ने कहा कि पहले ये सारे जमीन परती रहते थे, लेकिन अब इस वर्ष से वे यहां खेती करेंगे.
निर्मल मुंडा ने बताया कि बोरीबांध में आठ से दस फीट गहरा पानी जमा हो गया है. शुक्रवार को दो बोरीबांध बनाने के बाद वे पुन: दो और बोरीबांध बनाऐंगे.
सेवा वेलफेयर सोसाईटी द्वारा जिले भर में जल संचयन को लेकर बोरीबांध बनाने का काम किया जा रहा है. ये बोरीबांध सोसाईटी के द्वारा ग्रामसभाओं के माध्यम से कराये जाते हैं.
पहले निर्णय लिये जाते हैं और गांव के लोग ही स्थल का चयन करते हैं, जहां मदईत (श्रमदान) से बोरीबांध बनाये जाते हैं. सोसाईटी द्वारा अबतक दो दर्जन से ज्यादा बोरीबांध ग्रामसभाओं के माध्यम से बनाये जा चुके हैं.
शुक्रवार को बोरीबांध निर्माण में सोसाईटी के लोगों के साथ मुखिया, डमराय गांव के मनसिद्ध हस्सा पुर्ती, निर्मल मुंडा, निकोदीम हस्सा पुर्ती, गब्रियल हस्सा पुर्ती, मतियस हस्सा पुर्ती, राजेन हस्सा पुर्ती, तुबियस हस्सा पुर्ती, माग्रेट कंडीर, मरथा कंडीर, रोयन हस्सा पुर्ती समेत ग्रामसभा के सभी सदस्यों ने श्रमदान किया.